हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। फरवरी 2024 में दो प्रदोष व्रत हैं:
1. भौम प्रदोष व्रत:
- तिथि: 7 फरवरी 2024, बुधवार
- समय: शाम 05:42 से रात 08:25 तक
महत्व:
- भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे मंगलवार को रखा जाता है।
- इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- भौम प्रदोष व्रत को विशेष रूप से मंगल ग्रह से संबंधित समस्याओं जैसे कि भूमि विवाद, स्वास्थ्य समस्याएं, और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति के लिए रखा जाता है।
2. रवि प्रदोष व्रत:
- तिथि: 21 फरवरी 2024, बुधवार
- समय: शाम 06:02 से रात 08:52 तक
महत्व:
- रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे रविवार को रखा जाता है।
- इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- रवि प्रदोष व्रत को विशेष रूप से सूर्य ग्रह से संबंधित समस्याओं जैसे कि नेतृत्व की कमी, आत्मविश्वास की कमी, और स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति के लिए रखा जाता है।
प्रदोष व्रत के दौरान क्या करना चाहिए:
- व्रती को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
- पूरे दिन व्रत रखना चाहिए और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
- शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
- पूजा के बाद आरती करनी चाहिए और प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
प्रदोष व्रत के लाभ:
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- पापों से मुक्ति मिलती है।
- ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि:
- सबसे पहले, घर को साफ-सुथरा करके स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान पर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान शिव को जल, दूध, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- भगवान शिव के मन्त्रों का जाप करें।
- आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
अतिरिक्त जानकारी:
- प्रदोष व्रत के दिन, कुछ लोग उपवास नहीं करते हैं, लेकिन वे भगवान शिव की पूजा करते हैं और दान करते हैं।
- प्रदोष व्रत के दिन, कुछ लोग शिव मंदिर में भी जाते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
- प्रदोष व्रत के दौरान, कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, जैसे कि झूठ नहीं बोलना, क्रोध नहीं करना, और दूसरों को चोट नहीं पहुंचाना।
- यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं, तो व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।