नयी दिल्ली: हाल में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के विवादित बयान को लेकर एक ओर जहां राजनितिक चर्चा गर्म है वहीं इस कड़वे बयान को लेकर संतों में भी ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बता दें जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ममता के बयान को सनातन धर्म का अपमान करार दिया और कहा कि जो सनातन धर्म का झंडा गिराने की कोशिश करेगा, उसका अपना झंडा भी गिर जाएगा।
ममता के द्वारा महाकुम्भ को मृत्युकुंभ बताने पर भड़के जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ममता की बुद्धि पर भी सवाल उठाया और कहा कि वह यह नहीं सोचते थे कि ममता बनर्जी इतनी नीच सोच रख सकती हैं। मीडिया मित्रों से बातचीत में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी ने “मृत्युकुंभ” कहकर एक बहुत बड़ी धार्मिक परंपरा का अपमान किया है। उन्होंने इसे महाकुंभ बताया और कहा कि इस तरह के कुंभ का आयोजन इतिहास में पहली बार हुआ है, जिसमें अब तक 55 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं।
वहीं इस मामले पर विपक्ष के लगातार आ रहे बयान को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्यने यह भी कहा कि इस कुंभ से विपक्षी पार्टियां बौखलाई हुई हैं और इसके बाद ममता के बयान को और भी गंभीर रूप से लिया जाना चाहिए। रामभद्राचार्य ने ममता को “कुंवारी बहन” कहकर संबोधित करते हुए उनके बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि ममता को इस तरह के बयान देने की कोई आवश्यकता नहीं थी और वह उन्हें निकृष्ट बुद्धि की मानते हैं।