पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में शामिल नहीं हुए, जिसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वे (बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) 2 दिन के दौरे पर दिल्ली गए हैं। कल नीति आयोग की बैठक हुई थी जिसमें सभी मुख्यमंत्री दिखे लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नहीं दिखे। आज NDA की राजनीतिक बैठक हो रही है जिसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिल रहे हैं उसमें वे जाते हैं। इससे पता चलता है कि वे बिहार और बिहारियों के प्रति वे कितने गंभीर हैं।
प्रधानमंत्री की बैठक अधूरी छोड़ बाहर निकले सीएम नीतीश कुमार.. नीति आयोग की बैठक में भी नहीं गये थे
इधर, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने मुख्यमंत्री के बैठक में नहीं शामिल होने पर सफाई देते हुए कहा कि राजनीतिक व्यवस्था के कारण कई बार मुख्यमंत्री बैठक में भाग नहीं लेते हैं, लेकिन बिहार ने अपनी मांग मजबूती से रखा है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले साल भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। चुनावी साल होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की बैठक से एक बार फिर से दूरी बनाई है। विपक्ष को इसके कारण हमला करने का मौका मिल गया है।
बिहार की ओर से कई मांग रखी गई है
नीति आयोग की बैठक में भले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंचे लेकिन उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ा. जिसमें रैपिड ट्रेन चलाने की मांग के साथ केंद्रीय योजनाओं में केंद्र से 90 हिस्सेदारी देने की मांग की गई। 13 पन्नों के भाषण में सम्राट चौधरी ने केंद्र से पटना के 40 किलोमीटर के दायरे में रेपिड ट्रेन देने की मांग भी रखी, जिससे राजधानी पटना का उपनगरीय क्षेत्र विकसित हो सके। इसमें आरा, दानापुर, राजेंद्र नगर, फतुहा और बख्तियारपुर के आसपास का इलाका शामिल है। 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से रैपिड ट्रेन चलाया जा सके।
साथ ही बिहार की ओर से रोड सेक्टर और आधारभूत संरचना में केंद्र से मदद की मांग की गई है। साथ ही बिहार में हो रहे विकास कार्यों की भी चर्चा की गई। सम्राट चौधरी ने कहा बिहार में गरीबी दर में कमी आई है। 2041 के आसपास बिहार की 20 से 59 वर्ष की उम्र वाली आबादी 58.3% हो जाएगी। युवा आबादी के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं।
सात निश्चित पार्ट 2 के तहत बड़ी संख्या में नौकरी और रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही बिहार का हरित आवरण भी 9% से बढ़कर अब 15% हो गया है। नीति आयोग के मानकों पर खड़ा है। सम्राट चौधरी ने जहां एक तरफ बिहार में की जा रहे हैं विकास की चर्चा की तो वहीं केंद्र से बिहार के लिए कई मांग भी रखी।