मेरठ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड में आरोपी साहिल शुक्ला और उसकी गर्लफ्रेंड मुस्कान अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। सोशल मीडिया पर साहिल की लंबे बालों और जूड़े वाली तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं, लेकिन जेल पहुंचते ही उसके बाल काट दिए गए। खबर है कि साहिल के लंबे बालों को जेल प्रशासन ने छोटा कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि साहिल ने खुद बाल कटवाने की इच्छा जताई थी, लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि क्या जेल में लंबे बाल या दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है? आइए, जेल के नियमों की पड़ताल करते हैं।
जेल मैनुअल में सख्त नियम
2003 में गृह मंत्रालय के पुलिस रिसर्च ब्यूरो द्वारा जारी मॉडल प्रिजन मैनुअल में कैदियों के लिए कई सख्त नियम तय किए गए हैं। इनमें स्वच्छता और सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा गया है। जेल में हर कैदी को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है, और उल्लंघन करने पर सख्ती बरती जाती है। मैनुअल के अनुसार, कैदियों को लंबे बाल या स्टाइलिश हेयरकट रखने की इजाजत नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि लंबे बाल या दाढ़ी से पहचान छिपाने या जेल से भागने का खतरा बढ़ सकता है।
जेल में नाई की व्यवस्था
जेल के भीतर कैदियों के बाल और दाढ़ी काटने के लिए नाई मौजूद रहते हैं, जो नियमित अंतराल पर यह काम करते हैं। स्वच्छता बनाए रखने के लिए ज्यादातर कैदियों के बाल छोटे रखे जाते हैं। कुछ मामलों में कैदी की मर्जी से उन्हें गंजा भी कर दिया जाता है। जेल प्रशासन का मकसद सुरक्षा और हाइजीन को सुनिश्चित करना है, ताकि कोई जोखिम न पैदा हो।
धार्मिक मान्यताओं का सम्मान
हालांकि, जेल में धार्मिक आजादी का भी ध्यान रखा जाता है। मैनुअल के मुताबिक, सिख कैदियों को बाल और दाढ़ी रखने की छूट है। हिंदू कैदी चोटी रख सकते हैं, वहीं मुस्लिम कैदियों को दाढ़ी की अनुमति दी जाती है। लेकिन बाकी कैदियों के लिए हाइजीन के नाम पर लंबे बाल या दाढ़ी रखना मना है। साहिल के मामले ने एक बार फिर जेल के इन नियमों को चर्चा में ला दिया है। सोशल मीडिया पर उनके बाल कटने की खबर ने लोगों के बीच कौतूहल पैदा कर दिया है कि क्या यह उसकी मर्जी थी या जेल के नियमों का असर।