नौतन विधानसभा क्षेत्र का सियासी इतिहास काफ़ी दिलचस्प रहा है। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है। हालांकि 2015 के चुनाव में यहां भाजपा का खाता खुला। 1951 में हुए पहले चुनाव से लेकर साल 1985 तक इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। पिछले छह चुनावों में से चार बार यहां जेडीयू और उसकी मूल पार्टी समता पार्टी ने जीत का परचम लहराया है। 2009 और 2015 में उसे हार का सामना करना पड़ा था। नौतन से वर्तमान में विधायक नारायण प्रसाद साल 2010 में एलजेपी (LJP) के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े थे। तब उन्हें जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा प्रसाद ने हरा दिया था। लेकिन पांच साल बाद नारायण प्रसाद बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनावी मैदान में उतरे और जीत किया।
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2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नारायण प्रसाद ने चुनाव जीता। उन्होंने कुल 78657 वोट हासिल किए, जो कुल वोटों का 46.97% था। वही दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के शेख मोहम्मद कमरान को कुल 52761 (31.51%) वोट मिले। 2015 में इस सीट पर भाजपा के नारायण प्रसाद ने जीत हासिल की, उन्हें 66,696 (44.35%) वोट मिला। वहीं दूसरे नंबर पर रहे जदयू के वैद्यनाथ प्रसाद महतो को 52,362 (34.82%) वोट मिले। 2015 में इस विधानसभा सीट पर कुल 61.80 % वोटिंग हुई।
वही, 2010 में हुए चुनावों की बात करें तो जदयू की मनोरमा प्रसाद ने जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर यहां से चुनाव जीता और विधायक बने। उन्होंने कुल 40894 वोट हासिल किए, जो कुल वोटों का 36.48% था। वही दूसरे नंबर पर रहे लोक जनशक्ति पार्टी के नारायण प्रसाद थे को 18130(16.17%) वोट मिले थे। इस सीट पर हुई कुल वोटिंग की बात करें तो 55.96 फीसदी मतदान हुआ था।
जातीय समीकरण
नौतन विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम-यादव वोटर अच्छी तादाद में है। कोइरी, रविदास और कुर्मी भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। खास बात यह है कि यादव और मुस्लिम वोटरों के दबदबे के बावजूद भी राजद को यहां जीत नहीं मिली है, जबकि MY को राजद का कोर वोटर माना जाता है।
जनसंख्या
2011 के जनगणना के अनुसार, नौतन विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 34,577 हैं, जो लगभग 12.45% हैं। अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 1,833 हैं, जो लगभग 0.66% हैं। मुस्लिम मतदाता लगभग 48,046 हैं, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 17.3% हैं। वही ग्रामीण मतदाता लगभग 273,419 हैं, जो लगभग 98.45% हैं और शहरी मतदाता लगभग 4,332 हैं, जो लगभग 1.56% हैं।
प्रमुख मुद्दे
2020 में हुए चुनावों के प्रमुख मुद्दे की बात करें तो बाढ़ विस्थापित, जल विद्युत परियोजना, तटबंध सुदृढ़ीकरण और जर्जर सड़क के मुद्दे को लेकर खूब चर्चा हुई। चुनाव के समय इन मुद्दों को लेकर लोगों में नाराज़गी भी दिखाई पड़ी।






















