नई दिल्ली: मुस्लिम जनसंख्या की चिंता सारी दुनिया को होती है। कुछ समय पहले खबर आई थी कि दुनिया में कई हिस्सों में मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है। मगर, अब ये खबर चौंकाने वाली है। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, दुनिया में इस समय कुल आबादी 800 करोड़ के पार हो चुकी है। इसमें से करीब 200 करोड़ आबादी इस्लाम मानने वालों की हो चुकी है। हालांकि, दुनिया के कुछ हिस्सों में मुस्लिम आबादी में गिरावट आ रही है। वहीं, दुनिया के कई हिस्सों में हिंदुओं की जनसंख्या भी घटती जा रही है।
पूरी दुनिया में कुल 57 इस्लामिक देश है। मगर, आने वाले 25 सालों यानी साल 2050 तक दुनिया के कुछ हिस्सों में मुसलमानों की संख्या काफी घटने वाली है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक. एशिया पैसिफिक क्षेत्र में 2010 में मुसलमानों की आबादी कुल जनसंख्या का 61.7 फीसदी थी, लेकिन 2050 तक यह घटकर 52.8 फीसदी होने का अनुमान है।
किस हिस्से में मुस्लिम आबादी घट रही है और कहां हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ रही है।
कम होती प्रजनन दर, शहरीकरण और सामाजिक-आर्थिक कारक मुस्लिमों की आबादी में गिरावट की मुख्य वजह है हैं। कई देशों में शहरीकरण और बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के कारण परिवार का आकार छोटा हो रहा है। वहीं, इस क्षेत्र में गैर-मुस्लिम आबादी का भी तेजी से विकास हो रहा है, जो मुस्लिम जनसंख्या के अनुपात को कम कर रहा है।
एशिया पैसिफिक दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल क्षेत्र है, जिसमें कई मुस्लिम बहुल देश जैसे कि इंडोनेशिया, मलेशिया और बांग्लादेश शामिल हैं। 2050 तक इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत घटने के बावजूद यह अभी भी एक बड़ा जनसांख्यिकीय हिस्सा बना रहेगा। हालांकि, अन्य धार्मिक समूहों की वृद्धि के साथ, इस क्षेत्र में जनसंख्या का संतुलन बदल सकता है।
सिंगापुर में मुस्लिम आबादी में आई गिरावट
2020 की जनगणना के अनुसार, सिंगापुर में 1,72,963 हिंदू आबादी थी, जो सिंगापुर की कुल आबादी का 5 फीसदी हैं। खास बात यह है कि सिंगापुर की 99 फीसदी हिंदू आबादी मूल रूप से वहीं की है, जो कभी भारत से जाकर बसी थी। 1980 में यह हिंदू आबादी कुल का महज 3.6 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 5 फीसदी हो चुकी है। वहीं, मुस्लिम आबादी में गिरावट आई है। सिंगापुर में 70 के दशक में टू चाइल्ड पॉलिसी अपनाई गई थी, जिससे वहां की आबादी नियंत्रित रही। इसके बाद कई और नीतियां आईं, जिससे जनसंख्या पर लगाम लग पाई।
पीएम की परिषद की रिपोर्ट
बीते साल लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें 1950 से 2015 तक के आबादी के आंकड़ों का आकलन किया गया था। इसमें कहा गया था कि मुस्लिमों की हिस्सेदारी 1950 से 2015 के बीच में 43.16 फीसदी बढ़ गई थी। वहीं, दूसरी ओर हिंदुओं की आबादी में हिस्सेदारी इन 65 सालों के दौरान 7.82 प्रतिशत घट गई।
हिन्दू आबादी में गिरावट
आबादी के लिहाज से भी मुस्लिम तो देश में बढ़े हैं, लेकिन हिंदू घटते चले गए हैं। 1950 में हिंदुओं की आबादी 84.68 फीसदी थी जो 2015 तक 78.6 फीसदी रह गई। यानी इस दौरान हिंदुओं की आबादी में 6.08 फीसदी की कमी आई। वहीं, 1950 में मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत हुआ करती थी जो 2015 में 14.09 फीसदी हो गई। ये आंकड़े 2015 तक के हैं, जबकि 9 साल बाद यानी 2024 तक इन आंकड़ों में काफी बदलाव हो चुका होगा।
पाकिस्तान में 18 प्रतिशत हिंदू आबादी अब 1.18% पर सिमटी
बीते 65 साल में पाकिस्तान में 18 प्रतिशत हिंदू आबादी आज 1.18 प्रतिशत पर सिमट गई। वहीं, बांग्लादेश की बात करें तो वहां 24 प्रतिशत हिंदू आबादी हुआ करती थी, जो अब 8.2 प्रतिशत सिमट कर रह गई है। जबकि इसी दौर में मुस्लिम आबादी काफी बढ़ी है। बांग्लादेश और पाकिस्तान से हिंदुओं का पलायन जारी है।
इन देशों में तेजी से बढ़ रही है हिंदू आबादी
ऑस्ट्रेलिया में हिंदू धर्म सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है, जो मुख्यतः आप्रवास के माध्यम से फैल रहा है।अफ्रीकी देश घाना में भी हिंदू धर्म का प्रसार हो रहा है। दुनिया भर में कई देशों में हिंदू आबादी बढ़ रही है। खासकर अमेरिका, ब्राजील, घाना और ऑस्ट्रेलिया में। अमेरिका में हिंदुओं की आबादी तेजी से बढ़ रही है, जो 15 सालों में दोगुनी होकर 22 लाख हो गई है। इसके 2025 तक 25 लाख होने का अनुमान है। वहीं, ब्राजील में हिंदू धर्म का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है। यहां साल 2000 में हिंदू आबादी 2,905 थी, जो 2020 तक 21,200 तक पहुंच गई।