लंदन : ब्रिटेन की एक महिला, जोआन नील, को उनकी कंपनी डर्मोलॉजिका यूके ने छुट्टी के दिन नौकरी से निकाल दिया था, लेकिन अब उन्हें न्याय मिला है। दक्षिण लंदन के क्रॉयडन में एक रोजगार न्यायाधिकरण ने जोआन को 28 लाख रुपये (25,000 पाउंड) का मुआवजा दिलाया है। कोर्ट ने कंपनी के इस कदम को अनुचित और अप्रत्यक्ष लैंगिक भेदभाव करार दिया।
जोआन नील को उनकी बर्खास्तगी की खबर एक माइक्रोसॉफ्ट टीम्स मीटिंग के जरिए दी गई थी, जो उनके वीक ऑफ के दिन आयोजित की गई थी। इस मीटिंग में उन्हें सवाल पूछने का कोई मौका नहीं दिया गया। कोर्ट में जज लिज़ ऑर्ड ने कहा कि मीटिंग का आमंत्रण शीर्षक “कैच अप” भ्रामक था, जिससे जोआन तैयार नहीं थीं और उन्हें कुछ पता नहीं था। उनके मैनेजर इयान व्हाइट और एक अन्य कार्यकारी अधिकारी इस मीटिंग में शामिल थे, जहां उन्हें बताया गया कि उन्हें छंटनी के लिए चुना गया है।
कोर्ट के दस्तावेजों से पता चला कि जोआन को नवंबर 2022 में छंटनी के लिए चिह्नित किया गया था। जनवरी 2022 से ही वह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं, लेकिन कंपनी ने उन्हें घर से काम करने की अनुमति नहीं दी। उन्हें प्रति वर्ष केवल दो दिन का बीमार भत्ता मिलता था, जिसके कारण वह छुट्टी भी नहीं ले पाती थीं और अक्सर सहकर्मियों के सामने रो पड़ती थीं। इस बर्खास्तगी ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला।
न्यायाधिकरण ने पाया कि जोआन की बर्खास्तगी उनके काम के घंटों के आधार पर की गई थी, जो अंशकालिक कर्मचारियों के नियमों का उल्लंघन था। चूंकि महिलाएं अंशकालिक काम करने की अधिक संभावना रखती हैं, इसलिए इसे अप्रत्यक्ष लैंगिक भेदभाव माना गया।
उल्लेखनीय है कि एक अन्य कर्मचारी के विभाग छोड़ने के बाद भी जोआन अपनी नौकरी बचाने में सफल रहीं।यह मामला नियोक्ताओं के लिए एक सबक है कि कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करना कितना जरूरी है। जोआन नील ने इस मुआवजे के जरिए न केवल आर्थिक राहत पाई, बल्कि अपने हक के लिए एक मिसाल भी कायम की।