20 जनवरी (सोमवार) को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार शपथ ली। इससे पहले वह 2017 से 2021 तक देश के 45वें राष्ट्रपति रहे थे। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के बाद उन्होंने दो भाषण दिए, जिनमें उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बात की। हालांकि, अमेरिकी मीडिया ने उनके इन भाषणों और मीडिया से बातचीत के दौरान 20 से ज्यादा झूठ बोलने का आरोप लगाया है। इस पर अब फैक्ट चेकिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ट्रंप ने कब और कौन-कौन से झूठ बोले थे।
वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में कुल 30,573 झूठ या असत्य दावे किए थे। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में इस आंकड़े को पार कर लेंगे। CNN के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन 20 झूठ बोले, जो अर्थव्यवस्था, माइग्रेशन, विदेशी मामलों, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और 2020 के चुनावों से संबंधित थे।
ट्रंप के टॉप 5 झूठ
- बाइडेन के कार्यकाल में उच्च मुद्रास्फिति: ट्रंप ने शपथ लेते ही बाइडेन सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि उनके कार्यकाल में महंगाई दर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। हालांकि, इस दावे की जांच में पाया गया कि बाइडेन के कार्यकाल में महंगाई दर 2022 की गर्मियों में सबसे ज्यादा थी, लेकिन दिसंबर 2024 में यह घटकर 2.9 फीसदी हो गई।
- चीन पनामा नहर का संचालन करता है: ट्रंप ने दावा किया था कि चीन पनामा नहर का संचालन कर रहा है, जबकि पनामा नहर के अधिकारियों ने इसे खारिज किया। अधिकारियों के मुताबिक, पनामा नहर में 38,000 नहीं बल्कि 5,600 लोगों की मृत्यु हुई थी।
- ईवी जनादेश रद्द कर देंगे: ट्रंप ने कहा था कि उनकी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के जनादेश को रद्द कर देगी, हालांकि यह जनादेश तब भी मौजूद नहीं था।
- जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार वाला अकेला देश अमेरिका: ट्रंप ने यह दावा किया था कि अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है जिसमें जन्म से ही नागरिकता मिलती है, जबकि कई अन्य देशों में भी यह प्रावधान है, जिनमें कनाडा और मैक्सिको शामिल हैं।
- चीन पर टैरिफ: ट्रंप ने कहा कि उनके पहले कार्यकाल में अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर सैकड़ों अरब डॉलर वसूले, लेकिन जांच से पता चला कि यह टैरिफ अमेरिकी आयातकों ने चुकाए, न कि चीन ने।