अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर (Jimmy Carter) का रविवार (29 दिसंबर) को 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अमेरिकी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। जिमी कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे। अपनी ईमानदारी और मानवीय प्रयासों के लिए उन्हें प्रशंसा भी मिली। उन्हें इजरायल और इजिप्ट के बीच शांति स्थापति करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था।
ट्रंप-बाइडेन ने दी श्रद्धांजलि
जिमी कार्टर के निधन पर अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्टर को अपने प्रिय मित्र और असाधारण नेता के तौर पर याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। वहीं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकियों पर पूर्व राष्ट्रपति की कृतज्ञता का ऋण है। जिमी कार्टर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इजराइल और मिस्र की कराई थी दोस्ती
1 अक्टूबर 1924 को जन्मे कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के मिडिल ईस्ट से रिश्तों की नींव रखी। बतौर राष्ट्रपति उनके कार्यकाल को इजराइल और मिस्र के बीच 1978 के कैंप डेविड समझौते के लिए याद किया जाता है, इस समझौते के कारण जिससे मध्य पूर्व में कुछ स्थिरता आई। इसके लिए साल 2022 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।
भारत के साथ भी गहरा संबंध
कार्टर का भारत के साथ भी गहरा संबंध रहा था। भारत में उनकी यात्रा आज भी याद की जाती है। कहा जाता है कि हरियाणा के एक गांव का नाम भी इनके ऊपर ही रखा गया है। इस गांव का नाम ‘कार्टरपुरी’ है। कार्टर सेंटर के अनुसार 1977 में भारत में आपातकाल के बाद और जनता पार्टी की जीत के बाद वह भारत यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे।
पीएम केयर फंड में अब लोग नहीं कर रहे योगदान… घट गये इतने करोड़ रुपये
3 जनवरी 1978 को जिमी कार्टर और उनकी पत्नी रोसालिन कार्टर ने हरियाणा के दौलतपुर-नसीराबाद गांव का दौरा किया। इस यात्रा ने गांववासियों पर गहरी छाप छोड़ी और उन्होंने इस क्षेत्र का नाम ‘कार्टरपुरी’ रख दिया। इस यात्रा के बाद कार्टर के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के साथ इस गांव के लोगों का संपर्क भी कायम रहा।