पाकिस्तान (Pakistan) में इमरान खान (Imran Khan) की सरकार पर संकट आ चुका है। पाकिस्तान की सरकार बहुमत खो चुकी है। ऐसे में पूरी संभावना है कि पाकिस्तान की सरकार गिर सकती है। वहीं पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) का कहना है कि इमरान खान के गठबंधन सहयोगी एमक्यूएम विपक्ष में शामिल होने के लिए तैयार हैं। विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण वोट से पहले इमरान खान के मुख्य गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने विपक्ष के साथ एक समझौता किया है।
अविश्वास प्रस्ताव सफल होने की संभावना
बता दें कि इमरान खान की सरकार निचले सदन में बहुमत खो चुकी है जिससे पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सफल होने की संभावना है। वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी पार्टी के नेताओं को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने का निर्देश दिया है। वहीं सदन में गुरुवार को प्रस्ताव पर बहस शुरू होगी और सात दिनों के भीतर मतदान होना है। संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है। राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी उक्त समझौते की पुष्टि करेगी।
नेशनल असेंबली में अल्पमत
एमक्यूएम-पी के विपक्ष में शामिल होने के फैसले के साथ संयुक्त विपक्ष के पास अब पाकिस्तान नेशनल असेंबली में 177 सदस्य हैं। अविश्वास प्रस्ताव जीतने और पाकिस्तान में इमरान खान सरकार को गिराने के लिए विपक्ष को नेशनल असेंबली (एमएनए) के 172 सदस्यों की जरूरत है। जबकि संख्या अब उनके पक्ष में आराम से दिख रही है। वहीं इमरान खान की सरकार नेशनल असेंबली में अल्पमत में आ गई है।
सरकार बदलने के लिए विदेशी धन का उपयोग
इससे पहले मंगलवार को खान ने अपने सहयोगियों और पार्टी एमएनए से 31 मार्च को मतदान से दूर रहने का आह्वान किया था। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी धन के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे लोगों का उपयोग किया जा रहा है। हम जानते हैं कि किन जगहों से हम पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। हमें अंदर से धमकी दी गई है। हम राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेंगे।