नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने आज बुधवार (19 फरवरी, 2025) को अपना पदभार संभाल लिया है। उन्होंने राजीव कुमार की जगह ये पद संभाला है। वो अगले 4 साल तक इस पद पर रहेंगे। ज्ञानेश कुमार इस साल के आखिरी में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों की देखरेख करेंगे। इसके साथ ही उनके सामने कई तरह की चुनौतियां भी हैं, जिसमें विपक्ष का विश्वास हासिल करना प्रमुख है।
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पदभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है। इसलिए भारत का प्रत्येक नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। भारत के संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के अनुसार भारत का चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था, है और हमेशा रहेगा।
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बेहद शिक्षित परिवार से आने वाले ज्ञानेश कुमार के परिवार में आइएएस, आइपीएस, आइआरएस हैं। 28 सदस्य डाक्टर हैं। ज्ञानेश कुमार वर्ष 1988 बैच के केरल कैडर के आइएएस अधिकारी हैं। 31 जनवरी, 2024 को ज्ञानेश कुमार यूनियन कोऑपरेशन सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए थे। केंद्रीय मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आने वाले मंत्रालय में वह मई 2022 से सेक्रेटरी थे। इसके दो महीने बाद 14 मार्च, 2024 को इन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया था।
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15 मार्च को उन्होंने कार्यभार संभाला और उसके अगले दिन ही चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। चुनाव आयुक्त का पद संभालने के लगभग एक साल बाद ही वो अब मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। उन्होंने इससे पहले पांच साल गृह मंत्रालय में काम किया था, जहां वह मई 2016 से लेकर सितंबर 2018 तक संयुक्त सचिव और उसके बाद सितंबर 2018 से लेकर अप्रैल 2021 तक अतिरिक्त सचिव के पद पर थे।