नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्मृतियों के बीच, देश और दुनिया भर में योग को अपनाने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी की पहल से मिली गति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाल के ‘मन की बात’ कार्यक्रम (123वां संस्करण) में इस बढ़ते रुझान का जिक्र करते हुए कहा, “आप सभी इस समय योग की ऊर्जा और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्मृतियों से भरे होंगे। 21 जून को देश-दुनिया के करोड़ों लोगों ने योग दिवस में हिस्सा लिया।
10 साल पहले इसकी शुरुआत हुई थी, और हर साल यह और भी भव्य होता जा रहा है।” संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में भारत के प्रस्ताव पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया था। तब से, योग की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हुई है, और 2015 में 17.5 करोड़ लोगों की भागीदारी से बढ़कर 2023 तक यह आंकड़ा 30 करोड़ से अधिक हो गया है, जैसा कि योग एलायंस की रिपोर्ट में उल्लेख है।
वैज्ञानिक अध्ययनों ने भी योग के लाभों को सिद्ध किया है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल साइकियाट्री में प्रकाशित 2018 के एक मेटा-विश्लेषण के अनुसार, योग तनाव और चिंता को 20-30% तक कम कर सकता है, क्योंकि यह कोर्टिसोल स्तर को नियंत्रित करता है। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, योग मूड बेहतर करने वाले रसायन एंडोर्फिन और जीएबीए को बढ़ाता है, जो चिंता को कम करने में मदद करता है। विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए, अंतरराष्ट्रीय जर्नल ऑफ योग थेरेपी (2021) की एक रिपोर्ट में पाया गया कि पिछले छह वर्षों में 40% वृद्ध वयस्कों ने योग को अपनाया है, जो इस तस्वीर में दिखाए गए दृश्य को और सशक्त बनाता है।
हर उम्र के लिए योग तस्वीर में दिखाए गए वरिष्ठ नागरिकों का योग अभ्यास यह संदेश देता है कि योग उम्र की सीमा से परे है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक संतुलन और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि योग शिक्षकों, स्टूडियो और नीति निर्माताओं को मिलकर वृद्धजनों के लिए योग को प्रोत्साहित करने की रणनीति बनानी चाहिए, ताकि मांसपेशियों को मजबूत करने और संतुलन बढ़ाने के वैश्विक दिशानिर्देशों को पूरा किया जा सके।
निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 10 साल पूरे होने पर, योग न केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक बनकर उभरा है, बल्कि एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन के रूप में भी स्थापित हो रहा है। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा, यह बढ़ता रुझान यह दर्शाता है कि लोग अपने जीवन में योग को अपनाकर स्वस्थ और संतुलित जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।