ढाका/नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने आज एक सख्त फरमान जारी करते हुए अपने नागरिकों को भारत की यात्रा से परहेज करने की सलाह दी है। यह चेतावनी तब सामने आई है जब देश में कोरोना वायरस के नए सब-वैरिएंट्स, जैसे अमिक्रोन LF.7, XFG, JN-1 और NB 1.8.1, तेजी से फैलने की खबरें हैं। बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने सोमवार को यह एडवाइजरी जारी की, जिसमें संक्रामक रोग नियंत्रण शाखा के निदेशक डॉ. हलीमुर राशिद के हस्ताक्षर हैं।
कोरोना का नया खतरा
हाल ही में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत के बाद बांग्लादेश में चिंता बढ़ गई है। वैज्ञानिकों ने XFG और XFC नामक दो नए सब-वैरिएंट्स की पहचान की है, जो JN-1 के वंशज माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये वायरस तेजी से फैल सकते हैं, जिसके चलते सरकार ने सतर्कता बरतते हुए सभी जमीनी, समुद्री और हवाई सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है। खास तौर पर उन यात्रियों पर नजर रखी जा रही है जो भारत या अन्य संक्रमित देशों से आ रहे हैं या वहां जा रहे हैं।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव
यह कदम तब उठाया गया है जब भारत और बांग्लादेश के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्हें पिछले साल सत्ता से हटाया गया था, वर्तमान में भारत में निर्वासन में हैं। इससे पहले सितंबर 2024 में बीबीसी की एक रिपोर्ट में यूनुस के हसीना के राजनीतिक बयानों को चुप कराने की मांग का उल्लेख था, जो दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह यात्रा सलाह उस बढ़ते असहज रिश्ते का एक और पहलू हो सकता है।
वैज्ञानिक पृष्ठभूमि
द लैंसेट (2024) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ये नए सब-वेरिएंट्स अधिक संक्रामक हो सकते हैं, हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अभी तक इनके लिए कोई वैश्विक आपातकाल घोषित नहीं किया है। बांग्लादेश सरकार का मानना है कि समय रहते सावधानी बरती जाए, वरना स्थिति बिगड़ सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
बांग्लादेश सरकार की यह चेतावनी साफ संकेत देती है कि कोरोना का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ती दूरी और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं इस मुद्दे को और जटिल बना रही हैं। क्या यह सलाह अस्थायी रहेगी या कूटनीतिक तनाव का नतीजा है, यह आने वाले दिनों में साफ होगा l