पटना: जिला पार्षद संघ ने बड़ा फैसला लिया है। संघ ने 30 जून को राजधानी पटना में सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन की करने की घोषणा की है. यह निर्णय संघ की लंबित मांगों को लेकर लिया गया है। संघ की बैठक बुधवार को राजधानी पटना में हुई, जिसमें पुतला दहन के अलावा सात और प्रस्ताव पारित किए गये। इसके साथ ही राज्य भर से आए जिला पार्षदों ने अपनी समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की। बैठक संघ के अध्यक्ष विश्वजीत दीपांकर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पहला प्रस्ताव जिला पार्षदों का मानदेय बढ़ाने के लिए पारित किया गया। अभी जिला पार्षदों को प्रतिमाह 3750 रुपए मिलते हैं, जबकि मुखिया को 7500 सौ रुपये मासिक मानदेय मिलता है।

जिला पार्षदों का कहना है कि उन्हें कम से कम 20 हजार मानदेय मिलना चाहिए, क्योंकि मुखिया के मुकाबले पार्षदों का क्षेत्र बड़ा होता है, उसमें सात से लेकर नौ पंचायतें तक शामिल होती है, जबकि मुखिया एक पंचायत के प्रतिनिधि होते हैं। मालूम हो कि पंचायती राज प्रतिनिधियों के मानदेय निर्धारण में कोई पैमाना नहीं रखा गया है। मुखिया का मानदेय पहले 2500 था जिसे 5000 किया गया। अब 7500 कर दिया गया है। जिला परिषद सदस्य का मानदेय पहले 2500 था,अब 3750 किया गया है। पंचायत समिति और वार्ड मेंबर का मानदेय बराबर कर दिया गया है। समिति सदस्य को 1500 और वार्ड में बर को 1200 दिया जा रहा है।
संघ ने मनरेगा से जुड़े प्रस्ताव में कहा है कि पंचायती राज के नियमों की अनदेखी करके काम करवाया जा रहा है। जिला परिषद के बिना अनुमोदन के राशि खर्च की जा रही है, जो सीधे तौर पर नियम का उल्लंघन है। इसमें तत्काल सुधार नहीं होगा तो, जिला पार्षद आंदोलन को विवश होंगे। संघ ने तीसरा प्रस्ताव RCD और PWD से बननेवाली पुलियों और पुल को लेकर पास किया और कहा कि जब उद्घाटन होता है, तो उसमें जिला पार्षदों का नाम भी शिलापट्ट पर होना चाहिए।
19 जून को पटना में RJD राज्य परिषद की होगी बड़ी बैठक.. कई एजेंडों पर होगी चर्चा
पांचवां प्रस्ताव 15वें और 16वें वित्त आयोग से जुड़ा है, जिसके जरिए मांग की गयी कि इस मद का भुगतान अभिकर्ता के माध्यम से कराया जाए। छठे प्रस्ताव में विकास के कामों में जिला पार्षदों को अनुपात से कम राशि दिए जाने का मामला उठाया गया। कहां गया कि 70 फीसदी काम मुखिया से कराया जा रहा है, जबकि अनुपात में उससे केवल 50 फीसदी काम कराया जाना है। जिला पार्षद को इसमें 20 फीसदी काम कराने का हिस्सा मिलना है, उसे कम करके 15 फीसदी कर दिया गया है, यह सही नहीं है। वहीं पंचायत समिति को 30 की जगह सिर्फ 15 फीसदी काम दिया जा रहा है।
सातवां और अंतिम प्रस्ताव पंचायत समिति से जुड़ा है , जिसमें पार्षदों ने पंचायत समिति की बैठक में खुद को बुलाए जाने की मांग फिर से दोहराई है। इससे पहले की बैठक में ये मांग उठाई गई थी और कहा गया था कि जिला पार्षदों को बैठक में बुलाया जाए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे विश्वजीत दीपांकर ने की। इस अवसर पर के जिला पार्षद संघ के सचिव पार्षद सुबोध, सुरेश यादव, प्रेग गुप्ता, वरुण,आलोक, वीणा देवी, मनोज, रंजन और सत्येंद्र गुप्ता आदि ने अपनी बातें रखीं। बैठक में राज्यभर से आये जिला पार्षद मौजूद थे।