पटना के शास्त्रीनगर थाने के पटेलनगर स्थित आसरा गृह में खिचड़ी खाने के बाद यहां रहने वाली लड़कियों की तबीयत बिगड़ गई थी। दो लड़कियों की मौ’त का PMCH में हो गई, जबकि 9 का इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है। इसमें से एक और लड़की की मौ’त बुधवार रात में हो गई है। बच्ची की उम्र 12 साल थी। उसका इलाज शिशु विभाग में चल रहा था। अब तक PMCH में 3 लड़कियों की मौ’त हो चुकी है। 8 लड़कियों का इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा है। 2 को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है।
मोहिनी कुमारी की मौत 7 नवंबर, गीता कुमारी की मौत 10 नवंबर को और तीसरी की मौ’त 13 नवंबर को हुई है। प्रशासन का दावा है कि खिचड़ी खाने के बाद सभी लड़कियों की तबीयत बिगड़ी थी। मामले में डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कमेटी गठित कर जांच करवाई। कमेटी में जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सदस्य शामिल थे।
कमेटी ने रिपोर्ट में बताया कि ‘आसरा गृह में 7 नवंबर को फूड पॉइजनिंग की वजह से लड़कियों की तबीयत खराब हुई थी। छठ का दिन होने की वजह से अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिल पा रही थी। इसके कारण समय पर लड़कियों को अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। इलाज में देरी से एक लड़की की हालत बिगड़ गई। उसका ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ गया। जिससे उसकी मौ’त हो गई।’
लड़कियों की देखभाल के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से चार काउंसलर रखे गए हैं। बुधवार की शाम आसरा गृह के गार्ड बिरजू कुमार के आवेदन पर लगभग एक सप्ताह के बाद शास्त्रीनगर थाने में अप्राकृतिक मौत का यूडी केस दर्ज किया गया है, लेकिन इसमें तीसरी बच्ची की मौ’त का जिक्र नहीं है।