बिहार में शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 17 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों से जोड़ने का काम पूरा कर लिया है। विभाग का लक्ष्य सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूलों से जोड़ने का है।
यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पूर्व प्रारंभिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। इसका मकसद 3 से 6 साल के बच्चों को बेहतर शिक्षा और पोषण सुविधाएं मुहैया कराना है।
आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया गया प्रशिक्षण
विभाग ने बताया है कि विद्यालय परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं को इस बदलाव के लिए तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।
भवन निर्माण की चुनौती
हालांकि, इस योजना में एक चुनौती यह भी है कि राज्य में लगभग 70 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है। इन केंद्रों के लिए भवन निर्माण की आवश्यकता है। विभाग ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन किया है।
जगह की कमी भी बनी रोड़ा
कुछ प्रारंभिक विद्यालयों में जगह की कमी भी एक समस्या है। ऐसे स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाने के लिए कम से कम दो कमरों और एक शौचालय की आवश्यकता होगी।
दो विभागों का संयुक्त प्रयास
शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग मिलकर एक ही परिसर में विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन को सुचारू रूप से चलाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रधानाध्यापकों को मिल सकती है जिम्मेदारी
इस खबर के साथ यह भी सामने आ रहा है कि विद्यालयों से जुड़े आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का प्रशासनिक जिम्मा संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को सौंपा जा सकता है।