आज लोकसभा में हंगामा करने को लेकर 33 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इन्हें पूरे शीतकालीन सत्र की कार्यवाही से निलंबित किया गया है। इसके बाद राज्यसभा से 34 सांसदों को निलंबित किया गया है। बता दें कि पिछले सप्ताह भी 13 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से और एक सांसद को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। अब तक निलंबित कुल सांसदों की संख्या 92 तक पहुंच चुकी है। जिन 33 सांसदों को आज लोकसभा से निलंबित किया गया है उनमें नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का भी नाम शामिल है।
लोकसभा सांसद अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के. जयाकुमार के निलंबन का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। वहीं राज्यसभा से निलंबित सांसदों में कांग्रेस के जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला का नाम शामिल है। निलंबन पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘मेरे समेत सभी नेताओं को सस्पेंड किया गया है। हम यह मांग कर रहे थे कि उन सांसदों का निलंबन वापस लिया जाए, जिनके खिलाफ ऐक्शन लिया गया है।’
राज्यसभा से आज निलंबित सांसद की लिस्ट


लोकसभा से आज निलंबित सांसदों की लिस्ट

“मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है”
लोकसभा से विपक्षी सांसदों के निलंबन को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है। हमारी दो सरल और वास्तविक मांगें हैं।
पहला ये कि केंद्रीय गृह मंत्री को संसद की सुरक्षा में अक्षम्य उल्लंघन पर संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए। दूसरा इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। पीएम किसी अखबार को इंटरव्यू दे सकते हैं। गृह मंत्री टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे सकते हैं। लेकिन, उनकी संसद के प्रति शून्य जवाबदेही बची है, जो भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है।