शराब खोजने के नाम पर दुल्हन के कमरे की तलाशी लेने वाली बिहार पुलिस (Bihar Police) पर एक नया आरोप लगा है। प्रदर्शनकारी महिलाओं (protesting women) का आरोप है कि कुढ़नी थाना के तुर्की ओपी की पुलिस धरमुहा गांव के उन दलित महिलाओं को टारगेट करती है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि जिनके पति बाहर काम करने गए हुए होते हैं पुलिस उन्हें ही टारगेट करती है। घर पर महिलाएं अकेली रहती हैं लेकिन देर रात शराब खोजने के नाम पर घर मे घुसकर नींद में सोई महिलाओं को भद्दी भद्दी गालियां दी जाती है। उन्हें जाती सूचक शब्दों से पुकारा जाता है।
पुलिस घरों के अंदर प्रवेश कर जाती है
इन महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि नींद में हमारे कपड़े तक सही नही रहते और पुलिस घरों के अंदर प्रवेश कर जाती है। तुर्की के धरमुहा की महिलाओं ने बताया कि पुलिस घर के अंदर घुसकर बोलती है कि शराब कौन बेच रहा है इसकी जानकारी दो। एक अन्य वृद्ध महिला का आरोप है कि बहु बेटियां घर मे सोई रहती हैं। वृद्ध महिला ने गुस्साते हुए कहा कि हम मुसहर मांझी हैं तो हमारी कोई इज्जत नही है क्या ? वहीं अन्य एक दूसरी महिला बताती हैं कि हम गरीब हैं तो पुलिस हमारे घर मे घुस जाती है। मैं विधवा हूं मेरी बेटी बहु घर मे रहती है। जो मीट मुर्गा और बड़ा बोतल खोलते हैं पुलिस उनको पकड़ने नही जाती क्योंकि वे बड़े लोग होते हैं।
बिहार सरकार दलितों को जेल में डालने का काम कर रही
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे माले नेता सूरज कुमार ने बिहार सरकार की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार की जेलों में बंद डेढ़ लाख दलित महादलित शराब बंदियों के सहारे बिहार सरकार दलितों को जेल में डालने का काम कर रही है। शराब सिंडिकेट चलानेवाले नेताओं और उनके सहयोगियों को पुलिस कभी प्रणाम करने भी नही जाती है और न ही पुलिस में हिम्मत है कि उन्हें गिरफ्तार कर सके। बिहार सरकार एक ओर रोजगार का प्रबंध नही कर पा रही है। उनके परिवार वाले नागालैंड के दीमापुर में जाकर ईंट भट्ठे पर रोजगार करते हैं। यहां उनके परिवार की अकेली रह रही महिलाओं के साथ रात के एक बजे पुलिस गाली गलौज करती है।
डर से कोई अपना मुंह नही खोलता
माले नेता सूरज कुमार ने कहा कि मैं उन शब्दों को यहां बोल नही सकता। कोई पुलिसवाला महिलाओं का दुपट्टा खींचता है तो कोई पुलिसवाला महिलाओं का साड़ी खींचता है। डर से कोई अपना मुंह नही खोलता। यदि किसी ने अपना मुंह खोला तो उसे गिरफ्तार कर जीप में बिठा लिया जाता है। उसके बाद पुलिसवाले अपने यारों को फोन करते हैं और बाहर से अवैध दारू लेकर उसे जेल भेज दिया जाता है। इस मामले को हमारे पार्टी के विधायक आने वाले सत्र में विधानसभा में उठाने का काम करेंगे।