भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सह प्रदेश प्रवक्ता जयराम विप्लव ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि 2016 से अब तक मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 4 लाख से अधिक बैकलॉग आरक्षित पदों को भरकर ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने इसे केवल प्रशासनिक उपलब्धि नहीं, बल्कि वंचित समाज के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का सच्चा प्रमाण बताया।
कांग्रेस और राजद पर निशाना
विप्लव ने विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और राजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये पार्टियां केवल सामाजिक न्याय के नारे लगाती हैं, लेकिन दशकों तक एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के अधिकारों की अनदेखी करती रहीं।
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस और राजद जैसी परिवारवादी पार्टियां केवल अपने परिवार की चिंता करती हैं। सामाजिक न्याय उनके लिए केवल दिखावा है। जबकि मोदी सरकार ने इन वर्गों को मुख्यधारा में लाने और उनके अधिकार दिलाने का काम किया है।”
‘सबका साथ, सबका विकास’ का साकार रूप
विप्लव ने जोर देकर कहा कि बैकलॉग पदों को भरने का यह प्रयास मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास’ मंत्र का साकार रूप है। उन्होंने कहा कि
“यूपीए शासन में ये पद खाली रहकर पिछड़े वर्गों के अधिकारों का अपमान करते थे। लेकिन मोदी सरकार ने इसे प्राथमिकता देकर इन वर्गों को मुख्यधारा में शामिल किया। यह सरकार वादों पर नहीं, परिणामों पर आधारित है।”
नतीजों पर केंद्रित शासन
विप्लव ने मोदी सरकार के शासन को नतीजों पर आधारित बताते हुए कहा कि यह सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसे जमीनी स्तर पर लागू करके दिखाती है।
“यह कदम वंचित समाज के अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन है, जो भारत को एक समावेशी और सशक्त समाज बनाने में मदद करेगा,” उन्होंने कहा।
इस बयान के जरिए भाजपा ने जहां मोदी सरकार की उपलब्धियों को उजागर किया, वहीं विपक्षी दलों को उनकी कथनी और करनी के अंतर पर घेरने की कोशिश की है।