बिहार में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के उल्लंघन पर नियंत्रण पाने के लिए परिवहन विभाग ने एक बड़ी पहल की है। अब राज्य के 26 जिलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से हेलमेट नहीं पहनने और अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान की जाएगी। इन कैमरों के माध्यम से ऑटोमेटेड चालान जारी किया जाएगा।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने जानकारी दी कि 26 जिलों के 72 प्रमुख चौक-चौराहों पर AI आधारित सीसीटीवी और ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों का अधिष्ठापन किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराना है। मार्च 2025 तक सभी कैमरों की स्थापना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और 1 अप्रैल 2025 से ऑटोमेटेड चालान जारी किए जाएंगे।
परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी ने बताया कि इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई है। पटना की तर्ज पर अब इन जिलों में भी ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर ऑटोमेटिक चालान कटेगा।
हेलमेट नहीं पहनने की वजह से 2023 में बिहार में 1389 लोगों की मौत हुई थी। इस स्थिति को सुधारने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। ट्रिपल राइडिंग और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले अब कैमरों की नजर से नहीं बच पाएंगे।
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी के फायदे:
- उल्लंघनकर्ताओं की सटीक पहचान और ऑटोमेटेड चालान।
- सड़क सुरक्षा में सुधार और अपराध नियंत्रण।
- डेटा और एनालिटिक्स के माध्यम से यातायात प्रबंधन में सुधार।
- पारदर्शी और निष्पक्ष चालान प्रक्रिया।
इन जिलों में होंगे कैमरे:
मधेपुरा, सुपौल, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, समस्तीपुर, मधुबनी, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, बांका, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बक्सर, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, गोपालगंज, सिवान, शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, खगड़िया, मोतिहारी।