मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज संगम में स्नान के दौरान भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें बिहार की छह महिलाओं की मौत हो गई। इस हादसे में 10 से 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं। गोपालगंज जिले की चार, औरंगाबाद और सुपौल की एक-एक महिला की मौत हो गई है।
गोपालगंज जिले के भोरे, बरौली और उचकागांव थाना क्षेत्र से गईं चार महिलाओं की मौत की सूचना है। मृतकों में तारा देवी (65), सरस्वती देवी (62), शिवकली देवी (65) और कांति देवी (65) शामिल हैं। इसके अलावा विजयीपुर थाना के जगदीशपुर गांव की मुन्नी देवी, राजकुमारी देवी, शोभावती देवी और रीमा देवी लापता हैं।औरंगाबाद जिले के गोह की राजरानी देवी (65) और सुपौल जिले की गुलाबी देवी (60) की भी भगदड़ में मौत हो गई।
भगदड़ के दौरान दम घुटने और कुचले जाने से गई जानें
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम घाट पर जब श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, तभी साधुओं का एक बड़ा काफिला गुजरा, जिससे भीड़ अचानक अनियंत्रित हो गई। संगीता देवी, जो अपनी मां शिवकली देवी को स्नान कराने गई थीं, ने बताया कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सांस लेना मुश्किल हो गया। नीचे गिरने वाले कई लोग भीड़ में कुचल गए।
गांव में मातम, परिजन प्रयागराज रवाना
घटना की खबर मिलते ही मृतकों और लापता लोगों के परिजन प्रयागराज के लिए रवाना हो गए हैं। गांवों में भी गमगीन माहौल है, क्योंकि कई परिवारों को अभी तक अपने परिजनों की जानकारी नहीं मिल पाई है।
गुलाबी देवी का शव सुपौल पहुंचेगा आज
सुपौल जिले की मृतका गुलाबी देवी के शव का पोस्टमार्टम प्रयागराज में हो चुका है। उनके दो बेटे दिल्ली में काम करते हैं, जो परिजनों से संपर्क में हैं। शव आज सुपौल पहुंचने की संभावना है।
प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
देर रात तक प्रयागराज प्रशासन द्वारा मृतकों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं की गई थी। प्रशासन और पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
महाकुंभ में सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल
इस भगदड़ के बाद महाकुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भारी भीड़ और प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण हादसा हुआ, जिससे हजारों श्रद्धालुओं की जान खतरे में पड़ गई।