दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा ने बहुमत वाली सरकार बनाकर इतिहास रच दिया है। इस जीत में बिहार के 3 दर्जन से अधिक नेताओं की अहम भूमिका रही, जिन्हें पूर्वांचल के वोटरों को साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब भाजपा का अगला लक्ष्य बिहार विधानसभा चुनाव है। पार्टी ने 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है और इसके लिए नारा दिया है— “दिल्ली तो झांकी, बिहार है बाकी”।
अप्रैल से शुरू होगी व्यापक तैयारी
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अप्रैल से रणनीतिक काम शुरू करेगी। हर विधानसभा क्षेत्र में 11-11 नेताओं की स्कैनिंग की जाएगी। इन नेताओं के कार्य, क्षेत्र में प्रभाव, संगठन से जुड़ाव और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उनकी समीक्षा की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद 7 संभावित नेताओं की सूची भाजपा मुख्यालय भेजी जाएगी। दिल्ली में अंतिम समीक्षा के बाद हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक-एक प्रत्याशी का चयन किया जाएगा।
जिलाध्यक्षों को 70% सीटों पर जीत का लक्ष्य
भाजपा ने हर जिले के जिलाध्यक्षों को टारगेट दिया है कि वे अपनी जिम्मेदारी वाले क्षेत्र की 70% सीटों पर जीत सुनिश्चित करें। साथ ही, हर बूथ अध्यक्ष को 800 वोट एनडीए के पक्ष में लाने का निर्देश दिया गया है।
भाजपा के मुताबिक, हर बूथ पर 1200 से 1500 वोटर हैं। ऐसे में 60% वोटरों को एनडीए के पक्ष में लाने की योजना बनाई जा रही है। यह रणनीति भाजपा को विधानसभा चुनाव में निर्णायक बढ़त दिलाने के लिए बनाई गई है।
एनडीए के घटक दलों को सुझाव देगी भाजपा
भाजपा ने घोषणा की है कि विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए के घटक दलों को संभावित प्रत्याशियों को लेकर सुझाव दिए जाएंगे। भाजपा अपने स्तर पर प्रत्याशियों की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करेगी और इसे एनडीए के घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को सौंपेगी।
माहौल बनाने के लिए जनसभाओं का दौर
एनडीए पिछले एक महीने से बिहार में सक्रिय है। हर जिले में एनडीए की बैठकें और जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं ताकि गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाया जा सके। इन सभाओं का उद्देश्य मतदाताओं के बीच भाजपा और एनडीए की स्वीकार्यता बढ़ाना है।
बिहार में भाजपा की नई रणनीति
दिल्ली की जीत से उत्साहित भाजपा अब बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। 225 सीटों पर जीत का लक्ष्य और बूथ स्तर पर सशक्त नेटवर्किंग की रणनीति से भाजपा प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की तैयारी में है। “दिल्ली तो झांकी, बिहार है बाकी” का नारा इस चुनावी अभियान का अहम हिस्सा बनेगा।