रांची: मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री केंद्र पर उदासीनता का आरोप लगाते हैं परंतु मिले पैसे का यूटिलिटी सर्टिफिकेट भी नहीं दे पाते भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर केंद्र की योजनाओं को धरातल में उतारने के प्रति उदासीन होने बड़ा आरोप लगाया। प्रतुल ने कहा कि दिखावा के लिए मुख्यमंत्री और राज्य वित्त मंत्री केंद्रीय मंत्रियों को मांग पत्र सौंपते हैं। लेकिन पहले से चल रही केंद्रीय योजनाओं का राज्य में बुरा हाल है।
प्रतुल ने कहा कि सर्वप्रथम मनरेगा में केंद्र सरकार के हिस्सेदारी के पैसे का यूटिलिटी सर्टिफिकेट राज्य ने नहीं सौंपा। जिसके कारण लंबे समय तक केंद्र के अंशदान पर ग्रहण लग गया था। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवास योजना में भी केंद्र और राज्य का संयुक्त योगदान होता है। केंद्र ने इस योजना में जो पैसा दिया उसका राज्य सरकार ने फिर से समय पर यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं दिया। जिसके कारण प्रधानमंत्री आवास योजना में भी झारखंड काफी नीचे के पायदान पर है l
प्रतुल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान योजना में केंद्र से अंशदान मिल जाने के बावजूद राज्य सरकार ने अनेक निजी अस्पतालों को समय पर भुगतान नहीं किया था। जिसके कारण सैकड़ों निजी अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड के बदौलत मरीजों का दाखिला लेना बंद कर दिया।प्रतुल ने कहा कि हर घर में नल से जल योजना का झारखंड में हेमंत सरकार ने बुरा हाल कर दिया।इस योजना में एक समय झारखंड नीचे से एक पायदान ऊपर था। आज भी राज्य के 28 लाख घरों में नल से जल नहीं पहुंच पाया है। केंद्र की यह स्कीम भी भ्रष्टाचार के आरोप में चढ़ गई थी और तत्कालीन मंत्री के करीबियों सहित अनेक लोगों के यहां छापा पड़ा था।
प्रतुल ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। परंतु राज्य सरकार केंद्र के पैसे का हिसाब नहीं देती। जिसके कारण पूरा मामला खटाई में फंस जाता है। प्रतुल ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वह केंद्र के पैसे का सदुपयोग करें। क्योंकि प्रधानमंत्री जी, अमित शाह जी, नितिन गडकरी जी समेत कई मंत्रियों ने अनेक बार कहा है कि वह राज्यों को पैसे की कमी नहीं होने देंगे बशर्ते नियम कानून का पालन हो।