पटना में सबसे बड़े अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत हो गई है। राज्य सरकार ने गंगा किनारे सरकारी जमीन पर बड़े-बड़े बिल्डिंग को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। दर्जनों बड़े-बड़े बिल्डिंग को तोड़ दिया गया है। पटना में गंगा नदी के किनारे गंगा नदी की जमीन पर बनाए गए मकानों को तोड़ने के लिए आज प्रशासन द्वारा अभियान शुरू कर दिया गया है।
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विरोध या सरकारी काम में बाधा डालने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई का निर्देश भी दे दिया गया है। इस कार्रवाई को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी, नगर निगम की टीम और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की है। अमीन और राजस्व अधिकारियों को भी मौके पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी विवादित जमीन की नापी तत्काल कराई जा सके। प्रशासन की मंशा है कि किसी को भी मामले को फंसाने का मौका न मिले और सरकारी जमीन को जल्द से जल्द अतिक्रमण मुक्त किया जाए।
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बिहार सरकार के निर्देश के आलोक में गंगा किनारे बसे नदी के किनारे लोगों ने जमीन पर मकान बना लिया है। बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ा कर दिया गया है।आज पूरी तरीके से भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन की टीम ने सभी मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। अभी तक दर्जनों मकान को तोड़ दिया गया है।
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पटना के DM ने गंगा नदी किनारे दीघा से कंगनघाट तक के अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया है। प्रशासन का कहना है कि यह सारी जमीन सरकारी है और इस पर किसी भी तरह के निजी दावे को स्वीकार नहीं किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी के आदेशों के तहत गंगा नदी की असर्वेक्षित भूमि पर कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके, इस इलाके में कई लोगों ने मकान बना लिए हैं। प्रशासन ने अब इसे मुक्त कराने का फैसला लिया है।