बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार अपना अंतिम बजट पेश करने जा रही है। बजट पेश होने से पहले विधानसभा के बाहर लेफ्ट की पार्टियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वाम दलों के विधायक हाथों में बैनर लेकर विधानसभा के बाहर पूरजोर तरीके से नारेबाजी करते दिखे।
विधायकों की मांग थी कि 65 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए, गरीब मध्यम वर्ग के आम लोगों पर बिजली विभाग की गुंडागर्दी पर रोक लगाई जाए और गरीबों को फ्री बिजली दिया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि राज्य में गरीबों पर बिजली विभाग की तरफ से जो अत्याचार किए जा रहे हैं उसे तुरंत रोका जाए।
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लेफ्ट के विधायक ने बताया कि सीपीआई और सीपीएम के सदस्य 65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। राज्य में 65 प्रतिशत आरक्षण को सरकार लागू करे और उसे संविधान की 9वीं सूची में डाला जाए। इसको लेकर सदन के बाहर तो प्रदर्शन कर ही रहे हैं सदन के भीतर भी इसको लेकर प्रदर्शन होगा। नीतीश कुमार की सरकार आज जो बजट पेश करने जा रही है वह गरीब और किसीन विरोधी बजट है।
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वहीं राष्ट्रीय जनता दल के विधायक पूर्व मंत्री सर्वजीत ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल से जो बजट वह बजट बिल्कुल गरीब विरोधी है और इस बजट से भी हम लोगों को उम्मीद नहीं है। लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में गरीबों को हक मिला लेकिन उसका विरोध किया जा रहा है।
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उन्होंने विधायकों को चैलेंज किया कि आप बताइए की कोई ऐसा थाना या ब्लॉक है जहां बिना पैसे के काम होता है। एक ब्लॉक या थाना बता दीजिए जहां पैसे के काम होता है। मैं समझ जाऊंगा कि वहां भ्रष्टाचार नहीं है। हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है।