लखनऊ: समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के औरंगज़ेब वाले बयान पर, जिसे बाद में उन्होंने वापस ले लिया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, उस व्यक्ति को (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका उपचार करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा पर गर्व करने के बजाय लज्जा महसूस करता है और औरंगज़ेब को अपना नायक मानता है, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार होना चाहिए? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए आप अपने उस विधायक पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं? आपने उसके बयान का खंडन क्यों नहीं किया? बता दें आजमी ने औरंगजेब को लेकर मुंबई में मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘सारा गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।
औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। औरंगजेब क्रूर नहीं था। एक समाचार चैनल के साथ इंटरव्यू में सपा नेता ने कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जितना पढ़ा है, उसने कभी भी जनता का पैसा अपने लिए नहीं लिया, उसका शासन बर्मा (वर्तमान म्यांमार) तक फैला हुआ था, उस समय देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था।’ उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि वह एक महान प्रशासक थे, उसकी सेना में कई हिंदू कमांडर थे। बता दें इस बयान के बाद महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी पर बड़ी कार्रवाई की गई है। औरंगजेब से जुड़ी टिप्पणी मामले में उन्हें विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में उनके खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। बता दें सदन ने प्रस्ताव को पारित कर दिया। इससे पहले अबु आसिम आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में छाया रहा था।
सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के सदस्यों ने आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद वह अपने बयान से पलट गए थे। मुंबई पुलिस ने अबू आजमी के खिलाफ मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ करने वाली टिप्पणी के मामले की जांच शुरू कर दी थी। इस ममाले को लेकर लोकसभा में शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के की शिकायत पर पड़ोसी ठाणे में पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रयास के आरोप में आजमी के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी। इस बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर आजमी पर निशाना साधते हुए उन्हें देशद्रोही करार दिया था।