बिहार में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा चंपारण से शुरू हुई है। इस यात्रा को लेकर बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी एनडीए के नेता खासे आक्रामक हो गए हैं। भाजपा विधायक उमाकांत सिंह ने कन्हैया कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए उनकी राजनीतिक मंशा पर ही सवाल उठा दिया।
BJP विधायक उमाकांत सिंह ने कहा, “कन्हैया कुमार वही हैं जिन्होंने जेएनयू में भारत विरोधी नारे सुने और चुप्पी साधे रहे। अब वही बिहार में घूम-घूमकर सरकार के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। जो खुद बिहार छोड़कर दिल्ली में राजनीति करने चले गए, वे आज बिहार की बात कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में चंपारण ऐतिहासिक भूमि रही है, जहाँ से महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की नींव रखी थी। लेकिन इतिहास बताता है कि जो भी अपनी राजनीति की यात्रा भितिहरवा (चंपारण) से शुरू करता है, उसका पतन तय होता है।
भाजपा विधायक ने कन्हैया पर पलटवार करते हुए कहा कि कन्हैया पहले बिहार से बेगूसराय में चुनाव लड़े, वहां हार गए। फिर दिल्ली चले गए, वहाँ भी हार का सामना करना पड़ा और अब फिर से बिहार लौट आए हैं। “जो खुद कभी एक जगह नहीं टिकते, वे बिहार के युवाओं को स्थायित्व देने की बात कैसे कर सकते हैं?”
बीजेपी विधायक ने यह भी दावा किया कि चंपारण एनडीए और बीजेपी का मजबूत गढ़ है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी और हमारी सरकार ने बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया है। 20 वर्षों में जिस सरकार ने लाखों नौकरियाँ दीं, वह आज रोजगार देने में नाकाम बताई जा रही है? ये सिर्फ राजनीतिक झूठ फैलाने का प्रयास है।”
‘चंपारण से लड़ें चुनाव, औकात पता चल जाएगा’
बीजेपी विधायक ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर कन्हैया कुमार को अपनी लोकप्रियता पर इतना भरोसा है, तो वे चंपारण से चुनाव लड़कर देख लें। उन्होंने कहा, “जो दिल्ली और बेगूसराय में नकार दिए गए, उन्हें चंपारण में जनता किस नजरिए से देखेगी, यह भी जल्द पता चल जाएगा।”
बीजेपी विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि कन्हैया कुमार कांग्रेस और राजद के ‘राजनीतिक मोहरे’ हैं। उन्होंने कहा, “चंपारण में यात्रा करने से कोई नेता नहीं बन जाता। यहाँ लोग विकास को देखते हैं, वंशवाद या दिखावटी राजनीति को नहीं।”