मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘नेक संवाद’ में पवित्र रमजान के अवसर पर रोजेदारों को दावत-ए-इफ्तार पर आमंत्रित किया। दावत-ए-इफ्तार में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित बड़ी संख्या में रोजेदारों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। इफ्तार के पहले मित्तन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने रमजान एवं रोजे की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और सामूहिक दुआ की।
इफ्तार पार्टी का हुआ बायकॉट तो चिराग पासवान ने मुस्लिम संगठनों को दे दी नसीहत
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित आमंत्रित अतिथियों ने सामूहिक दुआ में शामिल होकर राज्य की तरक्की, प्रगति, आपसी भाईचारे एवं मोहब्बत के लिए खुदा-ए-ताला से दुआयें कीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को पुष्प गुच्छ भेंटकर तथा टोपी एवं साफा पहनाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से तमाम आगत अतिथियों एवं रोजेदारों का स्वागत किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, बिहार विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी,सूचना एवं जन-सम्पर्क मंत्री महेश्वर हजारी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा, सांसद कौशलेन्द्र कुमार सहित अन्य मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, राज्य के वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में रोजेदार उपस्थित थे।

इस इफ्तार पार्टी में मुस्लिम संगठन से जुड़े नेताओं ने दूरी बना ली है। जिसको लेकर JDU MLC गुलाम गौस ने कहा कि ‘सीएम के इफ्तार पार्टी का कुछ मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया किया है। हम इफ्तार पार्टी में भाईचारे और मोहब्बत के लिए पहुंचे है। जिनको विरोध करना है करते रहे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। नीतीश कुमार ने जितना मुस्लिम समाज के लिए काम किया है, उतना किसी ने नहीं किया है। चाहे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय हो, छात्रावास हो, कब्रिस्तान की घेराबंदी हो। चुनाव के समय आता है तो ये लोग मजहबी ठेकेदार बन जाते हैं। सब बिके हुए है।
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बताते चलें कि मुस्लिम समुदाय के तरफ से हर साल रमजान के महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तरफ से दावत-ए-इफ्तार पार्टी दी जाती है। जिसमें मुस्लिम संगठन के सभी जुड़े नेता इस इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं लेकिन पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में मुस्लिम संगठन के नेता शामिल नहीं हुए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, खानकाह मुजीबिया समेत 8 मुस्लिम संगठनों ने इफ्तार का बहिष्कार कर दिया है।
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इसे लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है, ‘वक्फ संशोधन विधेयक 2024 कानून बनता है तो आप और आपकी पार्टी जदयू जिम्मेवार होगी। इसी के विरोध में इफ्तार पार्टी में शामिल होने से इनकार किया गया है। ‘इन संगठनों में इमारत-ए-शरिया, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा हिंद, जमीयत अहले हदीस, जमात-ए-इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया और खानकाह रहमानी शामिल हैं।