नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को पुर्तगाल और स्लोवाकिया की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर रवाना हुईं। यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा 27 साल बाद पुर्तगाल और 29 साल बाद स्लोवाकिया की पहली राष्ट्रपति यात्रा है।
राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू 7-8 अप्रैल को पुर्तगाल में होंगी, जहां वे अपने समकक्ष राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर पहुंच रही हैं। इस दौरान वे पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मॉन्टेनेग्रो और संसद के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइयार-ब्रैंको से भी मुलाकात करेंगी। इसके बाद, वे स्लोवाकिया की यात्रा पर जाएंगी, जहां वे राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी। पुर्तगाल में 2000 में यूरोपीय संघ की अध्यक्षता के दौरान पहला भारत-ईयू शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था, जबकि स्लोवाकिया में 6,000 से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं और ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, और आईटी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। स्लोवाक कंपनियां भारत में स्टील, आईटी हार्डवेयर, और रक्षा क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू इससे पहले 2025 में फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की यात्रा कर चुकी हैं, और उनकी यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को और मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।