नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित कैंडल मार्च में हिस्सा लिया। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरण मीडोज में हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। इस हमले को हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने इस हमले के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं, जिसमें दिल्ली में आयोजित यह कैंडल मार्च भी शामिल है। राहुल गांधी ने इस दौरान गांधी स्मृति में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी। मार्च में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ देखी गई, जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने और मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए थे।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना और 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना शामिल है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ ने ली है, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता कर रही है।
राहुल गांधी ने इस अवसर पर आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा। यह हमला न केवल हमारे नागरिकों पर, बल्कि हमारी एकता और शांति पर भी हमला है।” कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने और प्रभावी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की मांग की है।
इससे पहले, राहुल गांधी ने 2018 में उन्नाव और कठुआ बलात्कार मामलों के खिलाफ भी आधी रात को कैंडल मार्च का नेतृत्व किया था, जिससे वह राष्ट्रीय संकटों के समय प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शनों के जरिए जनता को एकजुट करने के अपने रुख को दोहराते नजर आ रहे हैं।
पहलगाम हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है, और पूरे देश में इस हमले के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश देखा जा रहा है। इस बीच, कश्मीरी छात्रों पर कुछ स्थानों पर हमले की खबरें भी सामने आई हैं, जिसकी निंदा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने की है।