भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कॉलेज छात्राओं के साथ रेप और ब्लैकमेल का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में भोपाल के डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शहर के तीन थानों में तीन पीड़िताओं की शिकायत पर तीन अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। इन मामलों में कुल सात आरोपी शामिल हैं, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो की तलाश जारी है। एक आरोपी ने पहले ही आत्महत्या कर ली थी।
डीसीपी संजय अग्रवाल ने बताया कि इस मामले की गहन जांच के लिए तीनों FIR के लिए अलग-अलग स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें (SIT) गठित की गई हैं। जांच में सामने आया है कि यह एक सुनियोजित गिरोह था, जो आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को निशाना बनाता था। आरोपियों ने इन लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया। पीड़िताओं को ब्लैकमेल करने के लिए उनके अश्लील वीडियो बनाए गए और उनका इस्तेमाल आगे की जबरदस्ती के लिए किया गया।
जांच के दौरान पीड़िताओं ने ऐसे बयान दिए हैं, जिनके आधार पर मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धाराएं भी इस मामले में जोड़ी गई हैं। डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने कुछ ऐसी बातें कही और कार्य किए, जो इस कानून के दायरे में आते हैं। यह मामला 1992 के अजमेर रेप कांड की याद दिलाता है, जहां भी इसी तरह की संगठित अपराध की घटनाएं सामने आई थीं।
यह मामला भोपाल के टीआईटी कॉलेज, रायसेन रोड से जुड़ा है, जहां एक नाबालिग पीड़िता सहित अन्य छात्राओं ने शिकायत दर्ज की थी। जांच में यह भी पता चला है कि इस गिरोह के तार मध्य प्रदेश के कई शहरों के अलावा कोलकाता और बिहार तक फैले हुए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षण संस्थानों में अपराध रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें फरहान खान का नाम भी शामिल है, जिसने एक पीड़िता को प्रेम जाल में फंसाकर उसका शोषण किया था। जांच में पन्ना और भोपाल से कुछ और आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मल्टी-स्टेट नेटवर्क की गहन जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
यह मामला न केवल भोपाल बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों में आक्रोश है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।