JDU प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जातिगत गणना (Cast Census) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसके मूल सूत्रधार के रूप में सराहा। JDU प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री विजय चौधरी, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और MLC नीरज कुमार ने भी CM की सराहना की है। JDU नेताओं ने कहा कि जातिगत गणना की पहल बिहार से हुई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह सफलतापूर्वक पूरी की गई।
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले इस प्रक्रिया में तकनीकी और कानूनी कठिनाइयों की बात कही थी, बावजूद इसके अब उन्होंने जातिगत गणना का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, “देश में जातिगत गणना कराने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को मिलेगा, लेकिन इसकी नींव और दिशा बिहार से ही मिली, और उसका श्रेय हमेशा नीतीश कुमार को दिया जाएगा।”
विजय चौधरी ने कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जातिगत गणना की मूल पहल नीतीश कुमार ने की थी और अब जब केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया है। ऐसे में तो कुछ राजनीतिक दल जबरन श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “2020 में जातिगत गणना की मांग नीतीश कुमार ने उठाई थी। 2021 में उन्होंने प्रस्ताव दिया कि जातीय आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं।
उस समय बिहार में NDA सरकार थी और प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था। जून 2022 में केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था, जबकि RJD के साथ सरकार का गठन 10 अगस्त को हुआ। ऐसे में राजद और कांग्रेस का कोई सीधा योगदान नहीं था।” विजय चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद केवल यह दिखाने में लगे हैं कि यह उनकी पहल थी, जबकि वास्तविक नेतृत्व नीतीश कुमार ने किया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पहले इस मसले पर विरोध कर चुके हैं, फिर अब इसका श्रेय लेना तर्कहीन है।