कई महीनों से लंबित बिस्कोमान (बिहार स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग यूनियन) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव शुक्रवार को पटना समाहरणालय में जिलाधिकारी की देखरेख में शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए। कुल 20 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें 18 निर्वाचित निदेशक और दो मनोनीत सदस्य शामिल थे। हालांकि, चुनाव परिणामों की घोषणा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मतगणना नहीं की गई और मतों को बंद लिफाफे में सुरक्षित रखा गया है।
अदालत में चल रही एक याचिका के चलते यह रोक लगाई गई है, जिसमें बिस्कोमान के बोर्ड में मनोनीत एक सदस्य की वैधता को चुनौती दी गई है। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में आरजेडी के एमएलसी सुनील कुमार सिंह की पत्नी वंदना सिंह और बीजेपी नेता विशाल सिंह के बीच सीधी टक्कर रही। विस्कोमान के चुनाव में राजद एमएलसी सुनील सिंह को जोर का झटका लगा है। मतदान के बाद यह स्पष्ट हुआ कि वोट की कमी की वजह से वंदना सिंह हार गयीं। उन्हें 8 वोट मिले, जबकि विशाल सिंह को 12 वोट मिले हैं। वहीं, उपाध्यक्ष पद के लिए मुकाबला विशाल सिंह गुट के महेश राय और सुनील सिंह समर्थक विधायक विनय कुमार के बीच देखा गया।
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चुनाव से ठीक पहले बिस्कोमान बोर्ड में तीन सदस्यों को मनोनीत किया गया था, जिनमें से दो बिहार सरकार और एक झारखंड सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे। विवाद तब गहराया जब झारखंड के मनोनीत सदस्य को प्राधिकार के आदेश के बावजूद चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। इस निर्णय को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश तो दिए, लेकिन वोटों की गिनती और परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी।
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चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीजेपी नेता विशाल सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। अब सभी की निगाहें झारखंड उच्च न्यायालय के अगले फैसले पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि बिस्कोमान को उसका नया अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कब मिलेगा।