पटना : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सनातन धर्म एवं भारतीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार हेतु किए गए कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेतृत्वकर्ताओं की पहल से भारत की सांस्कृतिक आत्मा और सनातनी परंपराएं एक बार फिर समाज के केंद्र में स्थापित हो रही हैं।
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प्रो. नंदन ने कहा कि सनातन धर्म पूरे विश्व की सबसे प्राचीन और शाश्वत धार्मिक परंपरा है। इसका आधार वेद, उपनिषद, धर्मशास्त्र, पुराण तथा आचार-संहिताएं हैं। यह धर्म न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय जीवन-पद्धति, वैज्ञानिक सोच और सामाजिक सहिष्णुता का मूलाधार भी है। इस धर्म के मूल तत्वों—धर्म, कर्म, मोक्ष, सत्य, अहिंसा, तप व भक्ति—ने भारतीय समाज को सदैव एकजुट रखा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से लेकर काशी विश्वनाथ धाम, महाकाल कॉरिडोर, केदारनाथ धाम पुनरुद्धार, कामाख्या मंदिर, सोमनाथ और करतारपुर कॉरिडोर जैसे ऐतिहासिक तीर्थस्थलों के नवीनीकरण एवं सौंदर्यीकरण के माध्यम से सनातन परंपरा को विश्व पटल पर पुनः प्रतिष्ठित किया है। मोदी सरकार की चारधाम परियोजना जैसे कार्यक्रम तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधा-सम्पन्न मार्ग निर्मित कर रही हैं। इसके साथ मोदी सरकार की तरफ से साल 2025-26 के जारी बजट में देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ 50 पर्यटन स्थलों के विकास करने की घोषणा की गई है। इन 50 सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थलों में भगवान गौतम बुद्ध स्थलों के विकास पर जोड़ दिया है।
प्रो. नंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने केवल देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों का प्रचार-प्रसार किया है। अबू धाबी, बहरीन और जकार्ता जैसे देशों में मंदिर निर्माण और सांस्कृतिक समारोहों में उनकी भागीदारी से वैश्विक मंच पर भारत की आध्यात्मिक पहचान और मजबूत हुई है।
उन्होंने फरवरी 2025 के प्रयागराज महाकुंभ में प्रधानमंत्री की उपस्थिति का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी जी द्वारा संगम में डुबकी लगाकर सनातन परंपराओं को सार्वजनिक समर्थन देना, पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना कि भारत केवल भूगोल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक चेतना है।
बिहार की बात करते हुए प्रो. रणबीर नंदन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी के पुनौराधाम, जो माता सीता की जन्मस्थली मानी जाती है, का समग्र विकास कराना एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री की देखरेख में उमानाथ मंदिर, ऋषि कुंड, विष्णुधाम, और उलार सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
प्रो. नंदन ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान घोषित ₹100 करोड़ की ‘ऐतिहासिक मंदिर विकास योजना’ से राज्य में न सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर महाबोधि मंदिर, देव सूर्य मंदिर और अन्य तीर्थस्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना करने से समाज में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ी है।
प्रो. नंदन ने कहा कि मोदी और नीतीश जैसे नेताओं के दूरदर्शी प्रयासों से आज सनातन धर्म केवल पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक गौरव का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की विचारधारा – वसुधैव कुटुंबकम्, सर्वे भवन्तु सुखिनः और एकं सत विप्राः बहुधा वदंति – वैश्विक शांति और सहअस्तित्व का मार्ग प्रशस्त करती है। ऐसे में इन नेताओं की पहलें न केवल राष्ट्रहित में हैं, बल्कि विश्व के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं।
अंत में प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और प्रसार के लिए यह समय स्वर्णिम युग साबित हो रहा है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे अपनी सांस्कृतिक जड़ों को पहचानें, उस पर गर्व करें और अगली पीढ़ी को इसके महत्व से परिचित कराएं।