राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH), जो राज्य का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, एक बार फिर लापरवाही के चलते सुर्खियों में है। इस बार चूहों ने मरीज के पैर की पांचों उंगलियाँ कुतर दीं, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। घटना शनिवार रात की है, जब नालंदा जिले के रहने वाले अवधेश सिंह, जो पिछले 15 दिनों से टूटी टांग के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं, अपने बेड पर सो रहे थे। उसी दौरान चूहों ने उनके दाहिने पैर की सभी उंगलियाँ और अंगूठा कुतर दिया। सुबह जब खून बहता देखा गया, तो परिजन घबरा गए और पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।
अवधेश सिंह की पत्नी, शिला देवी, ने बताया कि रात में अस्पताल में भारी संख्या में चूहे घूमते रहते हैं। “हम हर समय डर में रहते हैं। रात में नींद नहीं आती कि कहीं कोई अंग न कुतर ले,” उन्होंने कहा। कई अन्य मरीजों और उनके परिजनों ने भी इस बात की पुष्टि की कि चूहे अक्सर वार्डों में घूमते रहते हैं, जिससे उन्हें भारी दहशत का सामना करना पड़ता है।
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इस घटना के ठीक दो दिन बाद सोमवार सुबह चूहों ने अस्पताल में लगे एसी की वायर भी कुतर दी, जिससे शॉर्ट सर्किट हो गया। हालांकि समय रहते एसी को बंद कर दिया गया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। अस्पताल अधीक्षक रश्मि प्रसाद और चिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अस्पताल में चूहे बड़ी संख्या में हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहरीली दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा, लेकिन जल्द ही नई तकनीक से चूहों को नियंत्रित किया जाएगा।
इधर, इस घटना को लेकर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है- पटना के (NMCH) नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती दिव्यांग मरीज जो रात के समय गहरी नींद में थे तो उनके पैर की उंगलियों को चूहे ने कुतर दिया। इसी अस्पताल में बीते दिनों एक मृतक की आंख को चूहे ने कुतर दिया था लेकिन किसी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अंदरखाने RSS/BJP के CM उम्मीदवार बन इतरा कर घूम रहे अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने हमारे द्वारा 17 महीने के कार्यकाल में दिन-रात मेहनत कर सुधारी-संवारी गयी स्वास्थ्य व्यवस्था को फिर से बदहाल कर दिया है। अब स्वास्थ्य विभाग फिर से दुर्गति पथ पर है। जो विभाग अपने अस्पतालों में साफ-सफाई और सुरक्षा तक की व्यवस्था नहीं कर पाता, जहां अच्छा भला आदमी बीमार हो जाए वो मरीजों का क्या इलाज करेगा? अचेत मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन दिखा बता दिया जाएगा कि मरीज की उंगलियां चूहे ने नहीं बल्कि करोड़ों की अत्याधुनिक रोबोटिक मशीन द्वारा उसके ऑपरेशन के ज़रिए कुतरी गयी है। फिर CM बोलेंगे कि 2005 से पहले ई सब होता था जी?
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे जहां लगातार सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर बताने का दावा करते हैं, वहीं इस तरह की घटनाएं सरकार के इन दावों की पोल खोल रही हैं। पहले भी NMCH में “चूहा आंख फोड़वा कांड” हो चुका है और अब यह “पाँच उंगली कांड” अस्पताल की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गई है और अस्पताल प्रशासन ने चूहों को भगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि कब तक मरीज अस्पताल में सुरक्षित महसूस कर पाएंगे?