बिहार में एक बार फिर अपराध बेलगाम हो गया है। राजधानी पटना से लेकर जिलों तक आपराधिक घटनाओं में अचानक तेज़ी आई है, जिससे आम जनता में दहशत का माहौल है। वहीं विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का एक और बड़ा मुद्दा मिल गया है। हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बढ़ते अपराध को देखते हुए बिहार के डीजीपी (Bihar DGP) ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में उन्होंने सभी ज़ोनल और जिला पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं और सख्त कार्रवाई करने को कहा है। इसके अलावा बिहार के सभी डीएसपी-एसडीपीओ का दो दिवसीय प्रशिक्षण पटना में हुआ। दूसरे दिन आज सूबे के डीजीपी ने सभी पुलिस उपाधीक्षकों को सख्त हिदायत दी। उन्होंने चेताते हुए कहा कि शिथिलता बरतने वाले पुलिस पदाधिकारियों की पहचान की जा रही है। चिन्हित कर वैसे पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लापरवाही करने वालों को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
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अपराध अनुसंधान विभाग की तरफ से अपर पुलिस अधीक्षक / पुलिस उपाधीक्षक पंक्ति के पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की गई। पुलिस मुख्यालय में आयोजित द्वितीय सत्र को पुलिस महानिदेशक, बिहार विनय कुमार ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार पुलिस को Manpower, वाहन और अन्य सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। ऐसे में अब सभी क्षेत्रीय पुलिस पदाधिकारी पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय रहें, अपराध पर पूर्ण अंकुश लगाएं. गंभीर मामलों में त्वरित विचारण कराएं और अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाएं।
डीजीपी विनय कुमार ने सभी डीएसपी-एएसपी को सख़्त निर्देश देते हुए कहा कि शिथिलता बरतने वाले पदाधिकारियों की पहचान की जा रही है। ऐसे पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और अपराध नियंत्रण में लापरवाही करने वालों को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध अनुसंधान विभाग पारसनाथ एवं पुलिस महानिरीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग दलजीत सिंह भी मौजूद रहे।