देश की चर्चित नरेश गोयल मणि लॉड्रिंग मामले में मोतिहारी निवासी रिटायर्ड कृषि विभाग के कर्मचारी को मोतिहारी नगर थाना क्षेत्र के आवास पर साइबर फ्राड ने 10 दिनों तक हाउस आरेस्ट कर रखा और 57 लाख ठग लिए। मोतिहारी निवासी कृषि विभाग के रिटायर कर्मचारी दिलीप कुमार को एक फर्जी कॉल आया था, जिसमें अपने को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि देश के चर्चित जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग में तुम्हारा नाम आ रहा है, क्योंकि तुम्हारा ही पैन कार्ड इस्तेमाल हुआ है।
साथ ही सीबीआई कार्यालय का फर्जी वीडियो दिखाकर रिटायर कृषि विभाग के कर्मचारियों को डराया गया। वही फोन पर ही फर्जी सीबीआई फर्जी अधिकारी ने जान मारने तक की धमकी दे डाला। भय में आने के बाद साइबर फ्रॉड के कहे अनुसार 2 फरवरी 2025 को रिटायर्ड कृषि कर्मचारी एवं पत्नी के बैंक खाता से 56 लाख 80 हजार रुपया साइबर ठग के बताए गए विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया।
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वहीं कृषि विभाग के रिटायर कर्मचारियों द्वारा मोतिहारी के साइबर थाना में आवेदन दे न्याय की गुहार लगाया गया, जिसके बाद मोतिहारी पुलिस के जांच के अनुसार मोतिहारी निवासी रिटायर कृषि कर्मचारियों द्वारा सबसे पहले आकाश मुखर्जी कटिहार जिला निवासी के खाते में पैसा का ट्रांसफर किया गया साक्ष्य मिला।
मोतीहारी पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात मामले में त्वरित साइबर एएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर कटिहार निवास आकाश मुखर्जी को गिरफ्तार करने को भेजा गया। जहाँ मोतिहारी पुलिस एवं कटिहार जिला के सहायक थाना कटिहार के सहयोग से गुरुवार (12 जून 2025) को गिरफ्तारी कर मोतिहारी लाया। जहाँ पूछताछ के बाद शुक्रवार (13 जून)को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तार साइबर ठग 37 वर्षीय आकाश मुखर्जी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बीटेक तक की पढ़ाई करने के बाद नौकरी नहीं मिला जिसके बाद बंगाल के एक युवक के सम्पर्क में आया जिसके साथ साइबर ठगी का धंधा कर कुछ पैसा आया जिससे कटिहार में हार्डवेयर की दुकान खोल संचालित करता हूं।