बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और सरकार में चंद अफसरशाहों की मनमानी चल रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “अचेत अवस्था में मुख्यमंत्री” बताते हुए कहा, “बिहार में सब कुछ बिगड़ चुका है। अपराध बेलगाम हैं, भ्रष्टाचार की जड़ें मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच चुकी हैं। सरकार अब जनता की नहीं, कुछ खास अफसरों की सेवा में लगी है।”
“DK बॉस हैं असली मुख्यमंत्री”
तेजस्वी ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीके बोस को निशाने पर लेते हुए उन्हें “सुपर CM” बताया। उन्होंने कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि मुख्य सचिव के पत्रों की भी कोई अहमियत नहीं रही। फैसले वही लोग ले रहे हैं जो चढ़ावा और रिश्वत के जरिए पोस्टिंग-ट्रांसफर तय करते हैं। “जनप्रतिनिधियों की शिकायतें तक सुनी नहीं जातीं,” तेजस्वी ने कहा। तेजस्वी ने डीके बोस की पत्नी को महिला आयोग में सदस्य बनाए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आवेदन में पति का नाम छुपाकर पिता का नाम दर्ज किया गया, जो पूरे मामले को संदिग्ध बनाता है। उन्होंने कहा कि “बिहार में हजारों योग्य महिलाएं हैं, लेकिन एक खास परिवार को ही मौका दिया गया।
“नीतीश सरकार कर रही है रेवड़ियां बांटने का काम”
प्रेस वार्ता में तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जेडीयू ने सत्ता का फायदा उठाकर अपने नजदीकी लोगों को फायदा पहुंचाया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर सरकार वाकई पारदर्शी है, तो ‘समर्पित जमाई आयोग’ का गठन कर दे।” यह सीधा इशारा उन रिश्तेदारों की ओर था जिन्हें सरकार में कथित तौर पर मलाईदार पद मिले हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि अचेत अवस्था में बिहार संभाल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं परिवारवाद के पोषक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने NDA के सहयोगी दलों के साथ मिलकर बिहार में “जमाई आयोग” का गठन किया है जिसमें स्व॰ श्री रामबिलास पासवान जी के दामाद, केंद्रीय मंत्री श्री जीतनराम मांझी के दामाद और बिहार सरकार में मंत्री श्री अशोक चौधरी जी के दामाद को जगह दी गयी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री सहित 50% से अधिक मंत्री परिवारवादी है।
विपक्ष की रणनीति या सत्ता की नाकामी?
तेजस्वी यादव की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। वे अपराध, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं। वहीं, जेडीयू और बीजेपी ने तेजस्वी के आरोपों को “हार की हताशा” बताया है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ ED और CBI के पास कई मामले हैं, लेकिन सत्ता में रहने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।