राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा कथित तौर पर बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के अपमान का मामला अब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ चुका है। बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बना रही है। और बड़े पैमाने पर इसको लेकर आंदोलन की तैयारी कर रही है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और कानूनी कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को ज्ञापन सौंपा है।

दरअसल, भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार शाम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में मंत्री जनक राम, गुरु प्रकाश पासवान, सुबोध कुमार पासवान, भारती पासवान और दानिश इकबाल शामिल थे। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि लालू प्रसाद ने अपने जन्मदिन के मौके पर संविधान निर्माता का अपमान कर वंचित समाज की भावना को आहत किया है।
नीतीश, तेजस्वी, आयोग और बीजेपी पर जमकर बरसे पप्पू यादव..
बिहार सरकार में मंत्री जनक राम ने मंगलवार को कहा कि लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने बाबा साहब के अनुयायियों का अपमान किया है लेकिन अब तक लालू यादव ने सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगी है। उन्होंने कहा कि, हमने महामहिम राज्यपाल से मिलकर इस विषय में कानूनी कार्रवाई की मांग की है। महामहिम ने आश्वासन दिया है कि जो उचित कार्रवाई होगी वह की जाएगी। जनक राम ने साफ चेतावनी दी कि अगर लालू यादव दो दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते तो भाजपा नेता बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन शुरू करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब लालू यादव के जन्मदिन पर वायरल हुए एक वीडियो में उन्हें सोफे पर बैठे और उनके पास आंबेडकर की तस्वीर रखे जाने का दृश्य सामने आया। भाजपा नेताओं का आरोप है कि तस्वीर को उनके पैरों के पास रखने से दलित समाज का अपमान हुआ है।