प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को हुई अहम फोन वार्ता के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज़ हो गई है। बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से इस मसले पर पहली प्रतिक्रिया आई है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने प्रेस से बात करते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। मनोज झा ने कहा, “मेरा सीधा कहना है कि मैं अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा करता हूं, लेकिन अब चीज़ें उस मुकाम पर पहुंच चुकी हैं जहां सिर्फ बयानों से काम नहीं चलेगा। डोनाल्ड ट्रंप अब तक 14-15 बार इस मामले पर बयान दे चुके हैं।”
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उन्होंने आगे कहा कि आज एक तरफ विदेश सचिव विक्रम मिस्री का वीडियो बयान आया, वहीं दूसरी ओर व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग आई—दोनों में सामंजस्य नहीं दिखता। “इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। यह मामला सिर्फ सरकार का नहीं, पूरे देश का है। आज सरकार आपकी है, कल किसी और की हो सकती है, लेकिन अमेरिका जैसे देश के सामने भारत की एकजुट आवाज़ जानी चाहिए।
मोदी-ट्रंप की फोन वार्ता: क्या हुआ?
बता दें कि मंगलवार को कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लगभग 35 मिनट की फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने को लेकर मीडिया में चल रही मध्यस्थता की अटकलों पर भी चर्चा हुई।
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मोदी ने स्पष्ट किया कि संघर्ष रोकने का निर्णय किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या व्यापार समझौते का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह भारत की अपनी संप्रभु प्राथमिकताओं के तहत लिया गया निर्णय था। इस पर ट्रंप ने मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका का दौरा कर सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। हालांकि, मोदी ने ट्रंप को भारत में होने वाले आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया है।
राजनीतिक पारा चढ़ा
मोदी-ट्रंप संवाद को लेकर देश के राजनीतिक हलकों में अब बहस तेज़ हो गई है। विपक्ष, विशेषकर आरजेडी, यह मांग कर रहा है कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर संसद में खुला बयान दे और राष्ट्रीय सहमति सुनिश्चित करे। संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग अब ज़ोर पकड़ती जा रही है।