बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। गृह मंत्री अमित शाह के हालिया इंटरव्यू के बाद बिहार की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। शाह ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ा जाएगा, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद तय होगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बयान के बाद से विपक्ष हमलावर हो गया है, वहीं जदयू ने एक सुर में नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है।

इसी कड़ी में बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान ने कैमूर में मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि जदयू पूरी मजबूती से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और चुनाव जीतने के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे।
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मंत्री जमा खान ने कहा, “पूरा देश जानता है और बिहार की जनता भी जानती है कि नीतीश कुमार जी विकास पुरुष हैं। 2005 के बाद से बिहार में व्यापक बदलाव आया है और एक नया बिहार दिखाई दे रहा है। लोग उनके काम करने के तरीके से भलीभांति परिचित हैं।” उन्होंने आगे कहा, “नीतीश कुमार ही हमारे नेता हैं, उन्हीं के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंगे और मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे। कौन क्या कहता है, उस पर हम ध्यान नहीं देते। महाराष्ट्र जैसा कोई खेल बिहार में नहीं होगा।”
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मंत्री ने यह भी दावा किया कि एनडीए के सभी घटक दल नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानते हैं और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता विकास चाहती है और विकास का पर्याय नीतीश कुमार हैं।