पटना के गांधी मैदान में आज ‘वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ’ कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बिहार, झारखंड और उड़ीसा से भारी संख्या में लोग जुटे हैं। वक्फ बिल के खिलाफ यह अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक विरोध बताया जा रहा है। ‘वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ’ के नारे के साथ लोग इस बिल को संविधान विरोधी बताते हुए इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

कांफ्रेंस में बिहार के साथ-साथ झारखंड और उड़ीसा से भी बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी पहुंचे हैं। हजारों गाड़ियां पटना में दाखिल हुईं और गांधी मैदान में अभूतपूर्व भीड़ देखी गई। आयोजन स्थल पर इमारत-ए-शरिया की अगुवाई में यह कार्यक्रम संपन्न हो रहा है, जिसमें कई मुस्लिम सामाजिक संगठनों की भागीदारी है।
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इस कांफ्रेंस में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और INDIA गठबंधन के अन्य घटक दलों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। गांधी मैदान में जुटी भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल और दंडाधिकारी मौके पर तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचा जा सके।
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इमारत-ए-शरिया से जुड़े लोगों का कहना है यह सम्मेलन-सह-विरोध को न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि हिंदू, सिख और ईसाई सहित अन्य समुदायों के लिए भी एकता के ऐतिहासिक प्रदर्शन के रूप में है, जो संशोधनों को विभाजनकारी मानते हैं। आयोजकों का कहना है कि अंतर-धार्मिक भागीदारी सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने और कानून के सामूहिक विरोध में इसके व्यापक महत्व को रेखांकित करती है। धार्मिक हस्तियों के अलावा, राजद, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विभिन्न नेताओं द्वारा वक्फ अधिनियम विरोधी सम्मेलन का समर्थन किया जा रहा है। एआईएमआईएम बिहार के अध्यक्ष और अमौर विधायक अख्तरुल ईमान सहित राजद और एआईएमआईएम के प्रतिनिधियों के इस कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है।