बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है, जब राजधानी पटना समेत कई जिलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साझा तस्वीर वाले पोस्टर लगाए गए। इसपर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए, लेकिन जदयू और एनडीए नेताओं ने इसे स्वाभाविक करार दिया। जदयू नेताओं का कहना है कि इसमें कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों साथ हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार यह स्पष्ट किया है। एनडीए गठबंधन पूरी तरह से एकजुट और मजबूत है, ऐसे में दोनों की तस्वीर लगना बिलकुल सामान्य बात है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार की जनता के दिलों में दोनों नेताओं की छवि है, और यही बात विपक्ष को परेशान कर रही है।

बिहार बंद पर क्या बोले
इस बीच, सीपीआई(एमएल) ने बिहार में मतदाता सूची के सर्वेक्षण के खिलाफ बिहार बंद का आह्वान किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री विजय चौधरी ने कहा, “चुनाव आयोग अपनी प्रक्रिया के तहत यह सर्वे कर रहा है, और उसने पहले ही स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी वास्तविक मतदाता छूटे नहीं और कोई फर्जी नाम सूची में रहे नहीं। इसमें खराबी क्या है?” उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा, “राजनीतिक दल बंद का आह्वान कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि आखिर उन्हें इस प्रक्रिया से आपत्ति क्यों है?”
वक्फ बिल को लेकर राजद पर तंज
राजद की ओर से हाल ही में बयान आया कि अगर उनकी सरकार बनी तो वक्फ बिल को लागू नहीं होने देंगे और “फाड़ देंगे”। इस पर जदयू नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा, “राजद जानता है कि उनकी सरकार बननी नहीं है, इसलिए इस तरह के बयान देकर खुद को चर्चा में बनाए रखना चाहते हैं।”
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CAA पर भी विपक्ष को घेरा
सत्ताधारी दलों ने विपक्ष को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध को लेकर भी घेरा और कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने पहले जनता को गुमराह करने की कोशिश की थी। बिहार में आगामी चुनावों से पहले यह साफ हो रहा है कि एनडीए अपनी एकजुटता दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, जबकि विपक्षी दल लगातार असहमति और विरोध के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश में हैं।