बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज एक बार फिर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। वे पटना में गोपाल खेमका के परिजनों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए और राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। तेजस्वी ने कहा, “कुछ साल पहले गोपाल खेमका के बेटे की हत्या कर दी गई थी। उस समय भी राज्य में एनडीए की सरकार थी। डीएम आवास, एसपी ऑफिस और गांधी मैदान थाना से महज कुछ दूरी पर हत्या होती है, फिर भी पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में एक घंटा लग जाता है। थाने को दो घंटे लगते हैं। आज तक अपराधी नहीं पकड़े गए हैं।”
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उन्होंने आगे कहा कि “हमारे घर के बाहर भी गोली चली, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की गाड़ी के सामने गोली चलती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। गांधी मैदान जैसे हाई सिक्योरिटी इलाके में ऐसा हो सकता है तो सोचिए बाकी बिहार की स्थिति क्या होगी।”

तेजस्वी यादव ने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया और कहा, “आप लोगों से माफी चाहता हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा की सरकार में जब कुछ होता है तो मीडिया उसे छुपा लेता है। हमारी सरकार में अगर कुछ हुआ तो आपने खूब दिखाया। मैंने कभी मना नहीं किया सच्चाई दिखाने से, लेकिन आप निष्पक्ष बनिए।”
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तेजस्वी ने सवाल उठाया कि आखिर किस पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई? किसके खिलाफ कार्रवाई हुई? क्या पैमाना है ट्रांसफर और पोस्टिंग का? आज ईमानदार अधिकारियों को साइड पोस्टिंग दी जा रही है, जबकि जो चंदा दे रहा है, उसे अच्छे पद मिल रहे हैं। पुलिस शराब के धंधे से कमा रही है। ट्रांसफर-पोस्टिंग अब धंधा बन चुका है।”
उन्होंने खेमका परिवार की स्थिति पर दुख जताते हुए कहा, “उस परिवार की हालत देख लीजिए, बेटे की हालत देखिए, सब डरे-सहमे हुए हैं। जिनके संबंध कई बड़े नेताओं से हैं, वो आज उद्योग खोलने के बजाय डर में जी रहे हैं।” अंत में तेजस्वी यादव ने कहा कि अब बहुत हो चुका है। “कुछ तो बदलाव होना चाहिए। जब तक जनता सवाल नहीं पूछेगी, जवाब नहीं मांगेगी, तब तक सरकार पर दबाव नहीं बनेगा। मैं एक बिहारी नागरिक होने के नाते आवाज उठाता हूं और उठाता रहूंगा।”