समाजसेवा और व्यापार जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले गोपाल खेमका रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार पूरे श्रद्धा और सम्मान के साथ किया गया। उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से निकाली गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में शोकाकुल लोग शामिल हुए। हर आंख नम थी और हर चेहरा उदास।
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समाजसेवी, राजनेता, व्यवसायी, मित्र, रिश्तेदार और आमजन—सभी ने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। रास्ते भर “गोपाल खेमका अमर रहें” के नारों से वातावरण भावुक हो उठा। शव यात्रा के बाद शमशान घाट पर विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी।

शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी और ईमानदार व्यवसायी के रूप में पहचाने जाने वाले गोपाल खेमका ने जीवनभर सेवा, सादगी और सहयोग की मिसाल पेश की। समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों के लिए वह हमेशा मददगार और प्रेरणास्रोत बने रहे। उनके स्वभाव की सरलता और कार्यों की सच्चाई ने उन्हें जनप्रिय बना दिया था।
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उनके निधन की खबर से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। जैसे ही यह समाचार फैला, हर ओर गम का माहौल बन गया। उनका निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके द्वारा किए गए समाजोपयोगी कार्य आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।