सोशल जस्टिस आर्मी के संयोजक गौतम के द्वारा आगामी नौजुलाई को चुनाव आयोग के मनमानी के खिलाफ आहूत बिहार बंद को व्यापक रूप से सफल बनाने को लेकर संगठन के सदस्यों की बैठक पटना में आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए गौतम आनंद ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दबाव में मनमाने तरीक़े से किए जा रहा गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम विशुद्ध रूप से असंवैधानिक कार्य है।
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चुनाव आयोग एक ख़ास राजनीतिक दवाब में आकर आगामी विधानसभा चुनाव में मात्र कुछ महीना पहले इस तरह का मनमाना फ़ैसला लिया है जो सीधे तौर पर बिहार के बाहर रहने वाले मज़दूरी करने वाले ग़रीब वंचित तबके के लोगों के साथ साथ दलित पिछड़े मुस्लिम समाज के वोट को वोटर लिस्ट से छाटने का साज़िश है। अभी बस एक साल पहले जब लोकसभा का चुनाव हुआ तो सभी वोटर का नाम पहचान सही था और बस एक साल में ऐसा क्या हो गया जो बिहार विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले वोटर का पहचान करने की नौबत आ गई।
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दूसरे तरफ़ जब आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड या राशन कार्ड हर वोटर के पास है हर घर में उपलब्ध है और ये आईडी प्रूफ हर जगह हर कार्य में मान्य है तो फिर वोटर पहचान को लेकर चलाए जा रहे अभियान में ये सब मान्य क्यों नहीं है यह सबसे बड़ा सवाल है। सच्चाई यही है कि भाजपा गठबंधन जनता के सामने बेनक़ाब हो गई है इसी हड़बड़ी में विपक्ष के वोट को छाटने की नियत से यह किया जा रहा है। जिसे चुनाव आयोग को हर हाल में वापस लेते हुए बिहार की जनता से माफ़ी माँगनी होगी। जिस काम को करने करवाने की ज़िम्मेदारी सरकार की होती है उसको चुनाव आयोग किसके इसारे पर शुरू किया यह भी खुलासा करना होगा।
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चुनाव आयोग को किसने संविधान और लोकतंत्र का अपमान और मखौल उड़ाने का आदेश दिया यह भी बताना होगा। इसी सवाल को लेकर सोशल जस्टिस आर्मी के साथी इंडिया गठबंधन के बिहार बंद और चक्का जाम में पटना तथा बिहार के विभिन्न हिस्सों में शामिल होकर बंद को सफल बनाने का काम करेंगे। बैठक में आशीष, गजेंद्र, निराला,आर्यन, लक्ष्मण, रणजीत , त्रिलोक, मनीष, कुंदन,अजय, निखिल, सोनू, रौशन, कुंदन, सौरव आदि शामिल थे।