Bihar SIR: बिहार में चुनाव आयोग ने शुक्रवार, 1 अगस्त को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट का पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज़ हो गई है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए सरकार और आयोग पर तीखे आरोप लगाए हैं।
आरजेडी का आरोप
राजद सांसद मनोज झा ने SIR को लेकर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “SIR को विशेष गहन पुनरीक्षण नहीं, बल्कि ‘विशेष गहन विलोपन’ बना दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद आधार को सूची से जोड़ने में अनदेखी हो रही है। यह पूरी प्रक्रिया वोटरों को हटाने की एक साजिश की तरह लगती है।” उन्होंने संसद में विपक्ष की चर्चा की मांग पर कार्रवाई को लेकर भी नाराजगी जताई। “सदन और वेल के बीच तिहाड़ जैसी बैरिकेडिंग कर दी गई, ऐसा पहले कभी नहीं देखा। SIR दरअसल ‘वोटबंदी’ का दूसरा नाम बन गया है,” झा ने कहा।
“चर्चा हो, पारदर्शिता हो”
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि विपक्ष दोनों सदनों में SIR पर बहस की मांग कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और सरकार पारदर्शिता से भाग रहे हैं। “आप कह रहे हैं कि 65 लाख में से 36 लाख वोटर लिस्ट से ‘लापता’ हैं। अगर सब कुछ साफ-सुथरा है, तो संसद में चर्चा से क्यों डर रहे हैं? अगर मतदाताओं के अधिकार छीने जाएंगे, तो विपक्ष चुप नहीं रहेगा,” उन्होंने कहा।
जेडीयू का बचाव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद संजय झा ने विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।“जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, वही लोग सुप्रीम कोर्ट गए हैं। अब जब मामला अदालत में है, तो उसका फैसला इंतजार करना चाहिए। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि अगर किसी को गलती लगती है तो वो आकर सुधार करवा सकता है। विरोध का औचित्य क्या है?”
गिरिराज सिंह का तीखा हमला
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी दलों की रैली और पदयात्रा को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो लोग खुद राज्य को बदनाम कर चुके हैं, वे अब लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं। गिरिराज सिंह ने कहा”राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों के सबूत दिए हैं, लेकिन आज तक चुनाव आयोग को कुछ नहीं सौंपा। वे सिर्फ झूठ फैलाने की राजनीति कर रहे हैं।