पटना: पूर्व विधान पार्षद व बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही इस पावन अवसर पर उपस्थित सभी साधुओं और संतों को भी नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी को इस कार्यक्रम के दौरान कोई कष्ट या असुविधा हुई हो, तो हम सभी क्षमाप्रार्थी हैं। यह आयोजन सभी के आशीर्वाद और सहयोग के बिना संभव नहीं था।
प्रो. नंदन ने केंद्र और राज्य सरकार से विशेष मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार अयोध्या में एयरपोर्ट का निर्माण हुआ है, उसी प्रकार सीतामढ़ी में भी एयरपोर्ट स्थापित किया जाए। इसके साथ ही सीतामढ़ी से अयोध्या तक सीधी रेल सेवा शुरू की जाए, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आवागमन में सुविधा मिल सके।

उन्होंने बताया कि मिथिला की पावन धरती पर स्थित पुनौरा धाम को अयोध्या से जोड़कर एक भव्य ‘राम-सीता आस्था यात्रा’ शुरू करने की योजना पर कार्य तेज गति से चल रहा है। यह पहल न केवल बिहार की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान देगी, बल्कि राज्य को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर भी स्थापित करेगी।
प्रो. नंदन के अनुसार, पुनौरा धाम, जहाँ माता सीता का मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है, और अयोध्या, जहाँ भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर हिंदू समाज की आध्यात्मिक धरोहर है — इन दोनों को एक विशेष धार्मिक पर्यटन सर्किट के तहत जोड़ा जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को राम और सीता की जीवन यात्रा का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा और बिहार-उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक एकता और मजबूत होगी।
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उन्होंने कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद लंबे समय से धार्मिक स्थलों के संरक्षण, विकास और आधुनिकीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। पुनौरा धाम में दर्शकों और श्रद्धालुओं के लिए साफ-सुथरे मार्ग, पेयजल, विश्राम गृह और शौचालय जैसी सुविधाओं का निर्माण होना जरूरी है। प्रो. नंदन ने यह भी कहा कि राम-सीता विवाह महोत्सव को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा। पुनौरा धाम के इतिहास, महत्व और धार्मिक कथा को डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया के जरिए दुनिया तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि धार्मिक स्थलों को केवल पूजा-अर्चना का केंद्र ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रमुख स्थान बनाया जाए। पुनौरा धाम से अयोध्या तक की आस्था यात्रा भारत की सांस्कृतिक एकता और धार्मिक गौरव का अद्वितीय उदाहरण बनेगी, जिससे बिहार धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।