बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं और इसी क्रम में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी प्रक्रिया तय समय पर पूरी होगी। दावे, आपत्तियां और दस्तावेज जमा करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक तय की गई थी, जिसमें अब सिर्फ 8 दिन शेष हैं। आयोग का कहना है कि 25 सितंबर तक सभी दावों और आपत्तियों का निपटारा कर दिया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस प्रक्रिया में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अलावा 38 जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, 243 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2,976 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 90,712 बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ), लाखों स्वयंसेवक और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। अब तक 98.2 प्रतिशत मतदाताओं के दस्तावेज पूरे हो चुके हैं, जबकि सिर्फ 1.8 प्रतिशत शेष रह गए हैं। आयोग का अनुमान है कि शेष कार्य भी बीएलओ और स्वयंसेवकों की मदद से समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़े बताते हैं कि 24 जून से 24 अगस्त तक महज 60 दिनों में औसतन प्रतिदिन 1.64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने दस्तावेज जमा किए। मसौदा सूची में शामिल 7.24 करोड़ मतदाताओं में से अब तक 0.16 प्रतिशत दावे और आपत्तियां मिली हैं। इनमें 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीएलए से 10 दावे और आपत्तियां शामिल हैं, जबकि 1,21,143 दावे सीधे मतदाताओं की ओर से प्राप्त हुए हैं।
इस बीच 3,28,847 नए मतदाताओं ने भी फॉर्म 6 और घोषणा पत्र जमा किया है। इनमें वे युवा शामिल हैं जिन्होंने 1 जुलाई तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है या 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु पूरी करेंगे। यह नया वर्ग आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।






















