पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कमी को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब, किसान, आम आदमी और देश की अर्थव्यवस्था की चिंता करते हुए यह निर्णय लिया है।
इन क्षेत्रों में घटा टैक्स
बीड़ी उद्योग, जिससे बड़ी संख्या में गरीब लोग जुड़े हैं, उस पर टैक्स कम किया गया। कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर टैक्स घटाया गया। रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पर टैक्स कम किया गया। 2500 रुपये से सस्ते कपड़ों पर टैक्स कम किया गया। बच्चों की किताबें, कॉपी, पेन-पेंसिल को टैक्स फ्री किया गया।इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया।
दूध उत्पादन से जुड़ी वस्तुओं को टैक्स फ्री कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह फैसला विदेशी वस्तुओं को पीछे धकेलने और स्वदेशी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। महात्मा गांधी ने जिस स्वदेशी आंदोलन का बीजारोपण किया था, उसी की तर्ज पर नरेंद्र मोदी देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा, “देश में चर्चा थी कि रोटी पर भी टैक्स लग रहा है। प्रधानमंत्री ने वह भी समाप्त कर दिया। आम आदमी को महंगाई से राहत मिलेगी और किसानों व छोटे उद्योगों को भी फायदा होगा उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में कमी से सरकार को लगभग 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के हित को ध्यान में रखते हुए यह बलिदान दिया है।
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विपक्ष द्वारा इस फैसले को चुनावी मुद्दा बताने पर उन्होंने कहा कि देश में हर छह महीने या एक साल में कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं, ऐसे में इसे चुनाव से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि इसलिए ही प्रधानमंत्री मोदी “वन नेशन, वन इलेक्शन” की बात करते हैं।राजद और कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष को जीएसटी में संशोधन पसंद नहीं है तो वे कह दें कि देश में पुराना टैक्स सिस्टम फिर से लागू किया जाए। सम्राट चौधरी ने लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि लालू यादव को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया, “लालू यादव क्यों जेल में हैं? उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार की क्या हालत की, यह देश जानता है।”






















